दिव्य भूमि से कम नही गुरुग्राम आश्रम, सती लड़की की उत्पत्ति पर बनवाया गया था मंदिर

शाहजहांपुर। क्रांतिकारियों की धरा शाहजहांपुर को सभी लोग जानते हो इसके अंतर्गत एक गुरुग्राम आश्रम पड़ता है। जो दिव्य भूमि से कम नही है। इस जगह की खासियत है कि यहां पर रोली व रुद्राक्ष के पेड़ है और हिंदू परंपरा में कोई पूजा की जाती है। तब रोली से तिलक लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है।

  • इसी प्रकार यहां पर एक ऐसा वृक्ष है।
  • जो अपने आप में एक अजूबा है।
  • एक जड़ में ही पीपल और बरगद का वृक्ष है।
  • आधा पीपल और आधा बरगद।
  • महाराज सन्त हरिदास जी बताते हैं कि यहां पर 150 वर्ष पुराना एक सती का मंदिर है ऐसा इसलिए है।
  • क्योंकि पास के गांव की एक लड़की सती हुई थी।
  • जिसके उपरांत मंदिर का निर्माण कराया गया।
  • यहां पर दूरदराज से जो लोग आते हैं और मन्नत मांगते हैं।
  • उनकी मुराद पूरी हो जाती है।
  • जिसके कारण इस आश्रम का अपना एक बहुत बड़ा महत्व है।
भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का बहुत है महत्व

भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है। माना जाता है कि रुद्राक्ष इंसान को हर तरह की हानिकारक ऊर्जा से बचाता है। इसका इस्तेमाल सिर्फ तपस्वियों के लिए ही नहीं, बल्कि सांसारिक जीवन में रह रहे लोगों के लिए भी किया जाता है। जानिए, कैसे इंसानी जीवन में नकारात्मकता को कम करने में मदद करता है रुद्राक्ष।  ये पेड़ आमतौर पर पहाड़ी इलाकों में एक खास ऊंचाई पर, खासकर हिमालय और पश्चिमी घाट सहित कुछ और जगहों पर भी पाए जाते हैं।  अफसोस की बात यह है लंबे समय से इन पेड़ों की लकड़ियों का इस्तेमाल भारतीय रेल की पटरी बनाने में होने की वजह से, आज देश में बहुत कम रुद्राक्ष के पेड़ बचे हैं।

  • रुद्राक्ष की खासियत यह है कि इसमें एक अनोखे तरह का स्पदंन होता है।
  • जो आपके लिए आप की ऊर्जा का एक सुरक्षा कवच बना देता है।
  • जिससे बाहरी ऊर्जाएं आपको परेशान नहीं कर पातीं।
  • रुद्राक्ष एक खास तरह के पेड़ का बीज है।
  • आज ज्यादातर रुद्राक्ष नेपाल, बर्मा, थाईलैंड या इंडोनेशिया से लाए जाते हैं।

रुद्राक्ष का महत्व

रुद्राक्ष की खासियत यह है कि इसमें एक अनोखे तरह का स्पदंन होता है। जो आपके लिए आप की ऊर्जा का एक सुरक्षा कवच बना देता है, जिससे बाहरी ऊर्जाएं आपको परेशान नहीं कर पातीं। इसीलिए रुद्राक्ष ऐसे लोगों के लिए बेहद अच्छा है जिन्हें लगातार यात्रा में होने की वजह से अलग -अलग जगहों पर रहना पड़ता है।  इसकी वजह यह है कि अगर आपके आसपास का माहौल आपकी ऊर्जा के अनुकूल नहीं हुआ तो आपका उस जगह ठहरना मुश्किल हो जाएगा।

  • चूंकि साधु-संन्यासी लगातार अपनी जगह बदलते रहते हैं,
  • आपने गौर किया होगा कि जब आप कहीं बाहर जाते हैं
  • तो कुछ जगहों पर तो आपको फौरन नींद आ जाती है
  • लेकिन कुछ जगहों पर बेहद थके होने के बावजूद आप सो नहीं पाते।
  • रुद्राक्ष को पानी के ऊपर पकड़ कर रखने से अगर वह खुद-ब-खुद घड़ी की दिशा में घूमने लगे,
  • तो इसका मतलब है कि वह पानी पीने लायक है।
  • अगर पानी जहरीला या हानि पहुंचाने वाला होगा तो रुद्राक्ष घड़ी की दिशा से उलटा घूमेगा।
  • इसलिए बदली हुई जगह और स्थितियों में उनको तकलीफ हो सकती है।
  • उनका मानना था कि एक ही स्थान पर कभी दोबारा नहीं ठहरना चाहिए।
  • इसीलिए वे हमेशा रुद्राक्ष पहने रहते थे।
  • आज के दौर में भी लोग अपने काम के सिलसिले में यात्रा करते और कई अलग-अलग जगहों पर खाते और सोते हैं।
  • जब कोई इंसान लगातार यात्रा में रहता है या अपनी जगह बदलता रहता है
  • तो उसके लिए रुद्राक्ष बहुत सहायक होता है।

रुद्राक्ष के फायदे

रुद्राक्ष के संबंध में एक और बात महत्वपूर्ण है। खुले में या जंगलों में रहने वाले साधु-संन्यासी अनजाने सोत्र का पानी नहीं पीते, क्योंकि अक्सर किसी जहरीली गैस या और किसी वजह से वह पानी जहरीला भी हो सकता है। रुद्राक्ष की मदद से यह जाना जा सकता है कि वह पानी पीने लायक है या नहीं।   अब इन दोनों में द्वेष भाव इतना बढ़ा कि वैष्णव लोग शिव को पूजने वालों, खासकर संन्यासियों को अपने घर बुलाते और उन्हें जहरीला भोजन परोस देते थे।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • ऐसे में संन्यासियों ने खुद को बचाने का एक अनोखा तरीका अपनाया।
  • वैदिककाल में सिर्फ एक ही भगवान को पूजा जाता था – रुद्र यानी शिव को।
  • समय के साथ-साथ वैष्णव भी आए।
  • रुद्राक्ष को पानी के ऊपर पकड़ कर रखने से अगर वह खुद-ब-खुद घड़ी की दिशा में घूमने लगे।
  • तो इसका मतलब है कि वह पानी पीने लायक है।
  • अगर पानी जहरीला या हानि पहुंचाने वाला होगा तो रुद्राक्ष घड़ी की दिशा से उलटा घूमेगा।
  • इतिहास के एक खास दौर में, देश के उत्तरी क्षेत्र में, एक बेहद बचकानी होड़ चली।
  • काफी शिव भक्त आज भी इसी परंपरा का पालन करते हैं।
  • अगर आप उन्हें भोजन देंगे, तो वे उस भोजन को आपके घर पर नहीं खाएंगे
  • बल्कि वे उसे किसी और जगह ले जाकर, पहले उसके ऊपर रुद्राक्ष रखकर यह जांचेंगे कि भोजन खाने लायक है या नहीं।

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