निःशक्त या दिव्यांग यात्रियों को स्वंय की रेल यात्रा के टिकट के लिए अब लम्बी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। और ना ही उन्हें रेल टिकट के लिए आरक्षण केंन्द्रों में काउंटरों के चक्कर काटने पड़ेगे। आईआरसीटीसी की इन यात्रियों को रियायत के साथ ऑन लाइन टिकट देने की घोषणा के साथ ही अब वे घर बैठे ही ऑनलाइन रेलवे टिकट बुक करा सकेंगे, जिस पर उन्हें नियमानुसार छूट भी दी जाएगी।

  • मालूम हो कि दिव्यांगों को रेल यात्रा के टिकटों पर 75 प्रतिशत की छूट दी जाती है। साथ ही, रेलवे ने उनके अकेले सफर नहीं करने की बाध्यताएं भी समाप्त कर दी गई हैं। दिव्यांग ट्रेनों में बिना सहयोगी के भी किराए में छूट ले सकेंगे।
  • इसी के तहत रेलवे की तरफ से पिछले वर्ष निःशक्त यात्रियों के लिए ऑनलाइन टिकट की बुकिंग कराने की सुविधा का सर्कुलर जारी किया गया था, जिसे अब लागू किया जा रहा है।
  • इसके लिए उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे में दिव्यांगों के कार्डों का डाटा ऑनलाइन फीड किया जा रहा है।

कैसे मिलेगा लाभः

  • इसके लिए रेलवे के दिव्यांग श्रेणी में आने वाले पासधारकों को एक यूनीक आईडी बनवाना होगा।
  • जिसके बाद टिकट करते समय इस आईडी को आईआरसीटीसी द्वारा मांगने पर बताना होगा, जिसके आधार पर रियायत मिल सकेगी।
  • मालूम हो कि इस यूनीक आईडी की वैधता पांच वर्ष होगी, और इस दौरान वाणिज्यि निरीक्षक दिव्यांग के दस्तावेजों की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौपेंगे।
  • ऑनलाइन टिकट बुक कराने के बाद सफर के दौरान दिव्यांगों को अपने डॉक्यूमेंट्स व रेलवे से जारी आईडी कार्ड रखना अनिवार्य है।

75 प्रतिशत तक की छूटः

  • पैरालिसिस, ऑर्थोपेडिक हैंडीकैप, मानसिक मंदित, दृष्टिबाधित दिव्यांगों को रेलवे सेकंड, स्लीपर, फर्स्ट, एसी चेयरकार व एसी थ्री टियर के किराये में 75 प्रतिशत की छूट देगा।
  • मूक-बधिरों को सेकंड, स्लीपर व फर्स्ट क्लास के किराए में 50 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है।
  • एसी थ्री टियर व एसी चेयरकार (राजधानी और शताब्दी) में दिव्यांगों को 25 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।
  • जिन लोगों ने एमएसटी बनवायी है उन्हें 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी, और साथ जाने वाले एक तीमारदार को भी 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
  • फर्स्ट क्लास एवं एसी टू टियर में 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
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