हाथरस हादसा के लिए आयोजक मुख्य जिम्मेदार माने गए हैं, जिसमें स्थानीय प्रशासन की भी जवाबदेही तय की गई है।

जांच समिति की प्रमुख रिपोर्ट:
मुख्य जिम्मेदार: प्रारंभिक जांच में आयोजकों को घटना के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है।

हाथरस हादसा में साजिश की संभावना: हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश की संभावना से इंकार नहीं किया गया है और गहन जांच की आवश्यकता बताई गई है।

स्थानीय प्रशासन की लापरवाही:एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज ने अपने दायित्वों का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया।

अनुमति में गड़बड़ी: उप जिला मजिस्ट्रेट ने बिना स्थल का मुआयना किए आयोजन की अनुमति दी और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत नहीं कराया।

निलंबन:एसडीएम, सीओ, थानाध्यक्ष, तहसीलदार और चौकी इंचार्ज सहित 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
आयोजकों की लापरवाही: आयोजकों ने अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित किया और पर्याप्त व्यवस्था नहीं की। उन्होंने अनियमितताएँ की और पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया।

भीड़ नियंत्रण की कमी: सत्संग के दौरान भारी भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी गई, जिससे घटना घटी।

इस मामले में गहन जांच जारी है और न्यायिक आयोग भी कार्यवाही कर रहा है।

हाथरस हादसा मामला

जांच समिति की आख्या के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:-

● एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है।

● जांच समिति ने अब तक हुई जांच व कार्यवाही के आधार पर हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इंकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत बताई है।

● जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है। स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं।

● उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किये आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया।

● उक्त अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया गया। एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की है। तदक्रम में, उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा एवं चौकी इन्चार्ज पोरा को शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया है।

● आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली। अनुमति के लिए लागू शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया। आयोजकों द्वारा अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित कर पर्याप्त एवं सुचारु व्यवस्था नहीं की गई। न ही कार्यक्रम के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति की शर्तों का पालन किया गया।

● आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए हैं। इनके द्वारा जिन लोगों को बिना विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन के जोड़ा गया, उनसे अव्यवस्था फैली।

● आयोजक मंडल द्वारा पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया गया। स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया गया।

● सत्संगकर्ता और भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी गई। भारी भीड़ के दृष्टिगत यहां किसी प्रकार की बैरीकेटिंग अथवा पैसेज की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी और दुर्घटना घटित होने पर आयोजक मंडल के सदस्य घटना स्थल से भाग गए।

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