कहा जाता है कि मौत किसी को बताकर नहीं आती। लेकिन अगर मौत के समय जिन्हें आप बेहद प्यार करते हों वो पास में ना हों तो जिंदगी भर का पछतावा हो जाता है। ऐसी ही दिल को झकझोर देने वाली घटना बहुचर्चित नेता, पत्रकार, पूर्व सांसद, लखनऊ के मेयर, बीबीडी विश्वविद्यालय के चेयरमैन और बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे डॉ. अखिलेश दास के निधन के दौरान हुई।

यह है दर्द भरी कहानी

  • डॉ. अखिलेश दास गुप्ता का बुधवार सुबह तड़के करीब 4 बजे हृदय गति रुकने से निधन हो गया वह वह 56 वर्ष के थे।
  • परिवार के लोगों के अनुसार उन्हें काफी समय से शुगर की भी बीमारी थी।
  • मंगलवार देर रात अचानक उनकी स्थिति बिगड़ी तो उन्हें मेडिकल कॉलेज के लारी कार्डियोलॉजी में भर्ती कराया गया था।
  • जहां उन्होंने अपने जीवन की अंतिम सांस ली।
  • डॉ. अखिलेश दास के निधन से उनके परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है।
  • अंतिम सांस लेने से पहले अखिलेश के पास ना तो उनके पास जीवन भर साथ रहने का वचन निभा रही पत्नी अलका दास थीं।
  • इतना ही नहीं उनके आंखों के तारे बेटा सागर दास अपनी मां के साथ दिल्ली में था और बेटी सोना दास लंदन में थी।
  • जैसे ही पिता की मौत की खबर उन्हें मिली सभी टूट गए।
  • मां और बेटा दिल्ली से जबकि बेटी लंदन से प्लेन से लखनऊ पहुंच रही है।
  • अखिलेश दास के घर के बाहर उनके रिश्तेदारों और उनके समर्थकों का हुजूम लगा हुआ है जबकि परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है।

कुछ ऐसा रहा जीवन का सफर

  • यूपी के बुलंदशहर में 31 मार्च 1961 को जन्में डॉ. अखिलेश दास गुप्ता का खेलों से भी नाता रहा है।
  • वह इंटरनेशल लेवल के बैडमिंटन खिलाड़ी भी रह चुके हैं।
  • मौजूदा समय में वह बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष भी थे।
  • उनके पिता बनारसी दास गुप्ता 1979 से 1980 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे।
  • अखिलेश दास गुप्ता वर्ष साल 1993 में लखनऊ के मेयर चुने गए थे।
  • अखिलेश दास 1996 में कांग्रेस से पहली बार राज्यसभा सांसद बने थे।
  • साल 2002 में दोबारा कांग्रेस ने उन्हें उच्च सदन तक पहुंचाया।
  • साल 2004 में जब मनमोहन सरकार की बनी तो उन्हें स्टील मिनिस्ट्री में केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया था।
  • राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद साल 2008 में बसपा में वह शामिल हो गए थे।
  • अखिलेश दास ने 5 नवंबर 2014 को मायावती पर करोड़ों रुपये लेकर राज्यसभा का सांसद बनाने का आरोप लगाकर बसपा छोड़ दी थी और कांग्रेस में शामिल हो गए।

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