राजधानी में एक तरफ जहाँ स्वाइन फ्लू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीँ दूसरी ओर स्वास्थ्य महकमा इस बीमारी से लड़ने में पूरी तरह नाकाम नजर आ रहा है,वहीं बची कुची कसर केजीएमयू द्वारा पूरी की जा रही है। स्वाइन फ्लू के मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दस दिन बाद भेजी जा रही है। बीते 18 तारीख के मरीजों की रिपोर्ट केजीएमयू द्वारा 28 अगस्त को स्वास्थ्य महकमे को दी गयी है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि केजीएमयू जैसा बड़ा संस्थान स्वाइन फ्लू को लेकर कितना सक्रिय है।

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10 दिन बाद दी रिपोर्ट

  • केजीएमयू प्रशासन की ओर से स्वाइन फ्लू की रिपोर्ट के मामले में लापरवाही की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
  • ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें केजीएमयू ने स्वाइन फ्लू मरीजों की रिपोर्ट 10 दिन बाद स्वास्थ्य विभाग को दी।
  • दिलचस्प बात ये है कि इसमें पांच मामले केजीएमयू के ही थे।
  • जबकि अन्य मरीज अलीगंज, फैजुल्लागंज और आलमबाग के थे।
  • एसीएमओ डॉ. सुनील ने बताया कि केजीएमयू की लापरवाही से 28 मरीज टेमी फ्लू से वंचित रह गए।

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  • जबकि इन मरीजों के परिजनों को भी संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।
  • स्वास्थ्य विभाग की ओर से केजीएमयू को इस लापरवाही के लिए नोटिस भी जारी किया गया है।
  • उप्र में लगातार बढ़ रही स्वाइन फ्लू मरीजों की संख्या अपने आप में एक समस्या बनी हुयी है।
  • केजीएमयू की ओर से की जा रही ये लापरवाही मरीजों की जान आफत में डाल सकती है।
  • स्वास्थ्य विभाग की ओर से सख्त निर्देश हैं कि मरीजों के परिजनों को भी टेमी फ्लू की दवा तत्काल दी जाए।

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