हाईकोर्ट ने पूर्व बसपा विधायक योगेश वर्मा को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने पूर्व बसपा विधायक पर लगे राष्ट्रदोह की धारा एनएसए (NSA) को समाप्त कर दिया है। बता दें कि एससीएसटी एक्ट में बदलाव को लेकर दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हिंसा कराने के आरोपी बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) में निरुद्ध कर दिया गया। जेल में बंद योगेश वर्मा को रासुका का नोटिस भी तामील करा दिया गया था। लेकिन कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत देते हुए उनपर लगी रासुका को खत्म कर दिया है। बता दें कि इससे पहले रावण पर भी रासुका खत्म कर उसे जेल से रिहा किया जा चुका है।

गौरतलब है कि पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत बंद के दौरान बसपा नेता योगेश वर्मा शहर में जहां-जहां भी प्रदर्शन के दौरान पहुंचे थे, वहीं-वहीं पर बवाल हुआ था। कचहरी स्थित अंबेडकर चौराहा, कंकरखेड़ा बाईपास समेत 12 जगहों पर बवाल होना बताया गया था। पुलिस अफसरों का यह भी दावा था कि योगेश वर्मा की गिरफ्तारी होते ही बवाल एकदम शांत हो गया था। इस संबंध में योगेश वर्मा और उनके समर्थकों पर संगीन धाराओं में 12 मुकदमे दर्ज हुए थे।

दावा था कि दो अप्रैल को योगेश ने प्लानिंग के तहत अपनी राजनीति चमकाने की खातिर शहर में बवाल कराया था। योगेश वर्मा पर रासुका लगना पहले से तय था। पुलिस-प्रशासन पर राजनीति के तहत कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए योगेश वर्मा की पत्नी महापौर सुनीता वर्मा एससीएसटी आयोग पहुंच गई थीं। जिस पर आयोग में एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार और तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी दहल तलब हुए थे। पुलिस अफसरों ने योगेश वर्मा के खिलाफ कई सुबूत आयोग में प्रस्तुत किए थे। दोनों पक्षों को आयोग ने सुना था।

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