उन्नाव रेप केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त है। गुरूवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा मामले को स्वत: सज्ञान में लिया गया जिस पर आज फिर सुनवाई हुई। कोर्ट ने अब इस मामले की निगरानी स्वयं करने का फैसला लिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक बार फिर सख्ती दिखाई। कोर्ट ने इस पूरे मामले की 2 मई तक प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी है। साथ ही कोर्ट ने मामले की निगरानी स्वयं करने का निर्णय लिया है।

जमानत पर छूटे आरोपियों की जमानत रद्द

कोर्ट ने कहा कि विधायक को सिर्फ हिरासत में नहीं लेना चाहिए बल्कि उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए। गुरूवार को ही इस मामले को स्वत: संज्ञान में लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार से जवाब-तलब किया था। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था कि विधायक की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है? वह आरोपी भाजपा विधायक को गिरफ्तार करेगी या नहीं? इस पर सरकार का पक्ष रखते हुए से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने कहा था कि सामूहिक दुष्कर्म कांड में विधायक के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं। कोर्ट ने जमानत पर छूटे सभी आरोपियों की जमानत भी रद्द कर दी है।

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