शिक्षक, कर्मचारियों, अधिकारियों की पुरानी पेंशन बहाली हेतु आॅल टीचर इम्प्लाईज वेलफेयर एसोसिएशन, उ.प्र. (अटेवा-पेंशन बचाओ मंच) का एक प्रतिनिधिमण्डल प्रदेश महामंत्री डॉ. नीरजपति त्रिपाठी एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश यादव के नेतृत्व में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से उनके लखनऊ स्थित आवास 4कालीदास मार्ग पर आज प्रातः 10 बजे मिला।
प्रदेश महामंत्री डॉ. नीरजपति त्रिपाठी ने गृहमंत्री से पूर्व 5 जून, 2016 को दिल्ली स्थित उनके आवास पर पुरानी पेंशन बहाली हेतु हुई वार्ता का हवाला दिया। जिस पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली हेतु आपके द्वारा दिये गये पत्र को वित्त मंत्रालय भेज दिया गया है। पुरानी पेंशन बहाली के सम्बन्ध में यह भी बताया गया कि पुरानी पेंशन बहाल न होने के कारण कर्मचारी के समक्श बुढ़ापे में जीवन-यापन का संकट बढ़ गया है। पूरे देश में 48 लाख व उ.प्र. में 13 लाख शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी पुरानी पेंशन व्यवस्था से वंचित हैं।
पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल न किये जाने से ये कर्मचारी केन्द्र व राज्य सरकारों से निराश है और लगातार सड़कों पर उतर कर धरना-प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी प्रकट कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्य को छोड़कर देश के सभी राज्यों के कर्मचारी व शिक्शक नेता पुरानी पेंशन की बहाली हेतु लामबंद हो गये हैं। नई पेंशन व्यवस्था लागू हो जाने से कई कर्मचारी सेवानिृवत्त होने के बाद दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
नई पेंशन व्यवस्था शेयर मार्केट पर आधारित होने के कारण कर्मचारियों की जमा पूंजी की भी कोई निश्चित गारण्टी नहीं है। जिसके कारण पूरे देश के शिक्शक, कर्मचारी, अधिकारी अपने भविष्य को लेकर चिन्तित हैं। नई पेंशन व्यवस्था का विरोध कर पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। प्रतिनिधिमण्डल में प्रमुख रूप से पंकज गुप्ता, सुरेन्द्र पाल, नवल अवस्थी, रवीन्द्र वर्मा, विक्रमादित्य मौर्य, नरेन्द्र यादव, विद्यासागर, राकेश कुमार उपस्थित रहे। यह जानकारी अटेवा-पेंशन बचाओ मंच, उ.प्र. के प्रदेश मीडिया राजेश यादव ने दी।
New Pension Scheme go back Old Pension Scheme come backp
नयी पेंशन योजना सरासर कर्मचारीयों के साथ धोखा है इसलिए इसके बिरोध में सड़कों पर उतरना जरूरी हो गया ।
जब कोई विधायक पाँच साल सरकार और जनता का काम करके जीवन भर पेंशन लेता है तो कर्मचारी क्यो नही वो भी तो सरकार और जनता का कार्य करता है या कर्मचारी को रिटायर ही न किया जाए ।
जब सरकार मानती है कि 60 साल का आदमी बेकार हो जाता है कोई काम के लायक नही रहता तो क्यो उस कर्मचारी को पेंशन नही देते