वीवीआईपी ड्यूटी (PM security duties) में आये सुरक्षाकर्मी खुद खाना बना रहे हैं। यह सुनकर आप कोप थोड़ा अटपटा जरूर लगेगा लेकिन यह सत्य है। दरअसल सोमवार रात भीषण गर्मी में गैर जनपदों से प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में आए करीब 100 से 200 होमगार्डस और सिपाही बनियान और गमछा पहने स्मृति उपवन बरामदे में लेटे हुए थे। वहीं, सीतापुर जनपद से आए होमगार्ड आशुतोष, पवन कुमार, राम आसरे समेत कई होमगार्ड छोटे गैस सिलिंडर पर खाना बना रहे थे।

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खाने का नहीं किया कोई इंतजाम

  • ड्यूटी पर आए इन जवानों के लिए जिला प्रशासन और शासन की ओर से रहने खाने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है।
  • होमगार्डस ने बताया कि वह अपने घरों से राशन और गैस लेकर आए थे क्योंकि वीआइपी ड्यूटी में जब भी वह गैर जनपद जाते हैं तो अक्सर उनके साथ व्यवस्थाएं होती है।

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  • वह रविवार रात आठ बजे ड्यूटी पर आ गए थे।
  • इसके बाद बसों पर उनकी ड्यूटी लगा दी गई।
  • वह तड़के तीन बजे रमाबाई रैली स्थल पहुंचे थे। बताया कि वीआइपी ड्यूटी में करीब 1000 होमगार्डस आए हैं।

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गैर जिले की ड्यूटी पर मिलता है 30 रुपये बढ़कर

  • होमगार्डस ने बताया कि साहब जिले में ड्यूटी करते हैं तो दिहाड़ी मजदूरी 375 रुपये मिलती है। गैर जनपद में जब वीआइपी या अन्य ड्यूटी में भेजे जाते हैं तो सिर्फ 30 रुपये बढ़कर मिलते हैं।
  • इसमें क्या खांए और क्या बजाएं।

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  • इसी कारण राशन घर से लेकर ड्यूटी पर जाना पड़ता है।
  • बनारस के लोटला थाने से वीआइपी ड्यूटी में आए सिपाही संजय और संतोष ने बताया कि सोमवार दोपहर 12 बजे एक महिला सीओ ने बताया कि मंगलवार दोपहर 12 बजे से ड्यूटी पर तैनात होना है।
  • इसके बाद से वह सड़क पर घूमकर समय काट रहे हैं।

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क्या कहते हैं जिम्मेदार

  • हालांकि इस मामले में एएसपी प्रोटोकाल देवेश कुमार शर्मा ने बताया कि ड्यटी में आए सभी सिपाहियों और होमगार्डस के रुकने की व्यवस्था सरकारी संस्थानों और स्कूलों में की गई है।
  • संबंधित नोडल अधिकारी को उनके रुकने की व्यवस्था को सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
  • वीआइपी ड्यूटी (PM security duties) में आये कर्मियों को टीए-डीए दिया जाता है।

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