राजधानी के हजरतगंज जैसे पॉश इलाके में लखनऊ विकास प्राधिकरण के नियम कानून मजाक बनकर रह गए। करीब चार माह पूर्व एलडीए ने अशोक मार्ग पर बेसमेंट खोदकर रामकृष्णा होटल में हो रहे अवैध निर्माण को अधिकारियों द्वारा रोका गया लेकिन, अब यहां उसी बेसमेंट में पार्किंग बना दी गई है। यह स्थिति तब है जब एलडीए द्वारा खोदे गए क्षेत्र में मिट्टी भरवाकर काम बंद करवा दिया गया था और उसे पुलिस अभिरक्षा में सौंप दिया गया था।

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इसके पहले भी लग चुके हैं आरोप

  • राजधानी का हजरतगंज इलाका पॉश इलाकों में शुमार है जहां का मुख्य मार्ग है अशोक मार्ग।
  • यहां जवाहर व इंदिरा भवन के सामने होटल रामा कृष्णा स्थित है।
  • चार माह पूर्व फरवरी में बिना किसी स्वीकृति के यहां होटल के बाहरी हिस्से को खोद दिया गया।
  • और इसके बाद निकालकर बेसमेंट तैयार किया जाने लगा।
  • करीब चार सौ स्क्वायर फीट के इस एरिये में बाकायदा पिलर खड़े कर दिये गए।
  • एलडीए के प्रवर्तन अधिकारियों को जब इसकी भनक लगी तो उन्होंने मामले को गंभीरता से  लिया।
  • न सिर्फ काम रुकवाया बल्कि निकाली गई मिट्टी को पुन: पटवाकर निर्माण को ठप करवा दिया।
  • इसके बाद अवैध खनन व बिना स्वीकृति के बेसमेंट निर्मित करने संबंधी पुलिस से शिकायत की।
  • आगे निर्माण न हो, इसलिए उसे पुलिस अभिरक्षा में भी सौंपा गया।
  • बावजूद इसके होटल मालिक ने पाटी गई मिट्टी को दोबारा निकालकर बेसमेंट निर्मित कर लिया।
  • दिलचस्प यह कि हजरतगंज जैसे पॉश इलाके के अशोक मार्ग पर जहां से हर रोज एलडीए से लेकर शासन प्रशासन के तमाम बड़े अधिकारी गुजरते हैं लेकिन किसी की नजर इस ओर नहीं गई।
  • न ही एलडीए के संबंधित प्रवर्तन आधिकारियों की ही नींद खुली।
  • वह भी एक बार कार्रवाई करके आंखें मूंदे बैठे रहे। इसके चलते यहां अवैध निर्माण हो गया।

होटल का एलडीए से चल रहा है विवाद

  • होटल के अशोक तिवारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनका एलडीए से विवाद चल रहा है।
  • रोक के बाद भी निर्माण कैसे कर लिया, इस संबंध में उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
  • हालांकि यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि एलडीए के पूर्व के प्रवर्तन अधिकारियों पर रुपए लेकर लोगों को चुपके से अवैध निर्माण करवाने की इजाजत देने के आरोप भी लगते रहे हैं।
  • वर्तमान वीसी प्रभु एन. सिंह ने स ती भी दिखायी थी लेकिन अब जो अवैध निर्माण हो चुके हैं।
  • उसके सामने वह भी लाचार हैं। लिहाजा अवैध निर्माण पर एलडीए के स ती अधिकारियों की हरकतों के चलते ध्वस्त होती दिख रही है।
  •  लोग खुलेआम अवैध निर्माण कर रहे हैं, जिन पर रोक लगाने में एलडीए अक्षम है। वहीं, पुलिस की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है।
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