उत्तर प्रदेश के जनपद गाजीपुर में करीब 3 सप्ताह से मौसम में उतार-चढ़ाव का खेल जारी है। इस बीच कई बार आंधी-पानी से फसलों को नुकसान पहुंचा। बुधवार को आये चक्रवाती तूफान के साथ कई ग्रामीण क्षेत्रों में आंधी-पानी के साथ ओले गिरे जिससे गेहूं सहित अन्य फसलों का भारी पैमाने पर क्षति हुई। गुरुवार की सुबह भी हल्की बारिश हुई जिससे फसल की स्थिति काफी खराब होने का अंदेशा जताया जा रहा है।

जारी है मौसम की आँख-मिचौली का खेल :

मौसम के खेल का आलम यह है कि कभी तेज धूप के बदली छा रही है और आंधी-पानी शुरू हो जा रहा है। कभी घनघोर बदली के बीच तीखी धूप निकल जा रही है। यह सिलसिला करीब करीब 3 सप्ताह से चल रहा है। इस दौरान बीच-बीच में कई बार आंधी के साथ बारिश भी हुई। बुधवार को दिन में करीब ढाई बजे धूप के बीच अचानक काले बादलों का डेरा छा गया। शहर में तो नहीं लेकिन कई ग्रामीण क्षेत्रों में आंधी के साथ तेज बारिश हुई। चक्रवाती तूफान और ओला गिरने के साथ ही भांवरकोल,कासिमाबाद, मनिहारी सहित अन्य कई ग्रामीण क्षेत्रों में आधी-बारिश के बीच ओला गिरा। इसके बाद मौसम साफ हो गया। आंधी-पानी से किसानों को भारी क्षति हुई।

 

 

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गुरुवार की सुबह करीब 7 बजे शहर के साथ ही कई ग्रामीण क्षेत्रों में हल्की बारिश होने से एक बार फिर से मौसम को लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई। वही कासिमाबाद के रामगढ़ इलाके में भी जमकर ओलावृष्टि और बारिश हुई जिसके चलते किसानों की खड़ी फसल के साथ ही मलाई के लिए काट कर रखी हुई फसल भी पानी के चलते बर्बाद हो गई है और अब फसल सड़ना भी स्टार्ट हो गया है। ऐसे में अब किसानों को जिला प्रशासन से राहत के नाम पर मुआवजा या फिर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा राशि से उम्मीदें हैं।

 

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