नॉएडा जमीन आवंटन मामले में पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव के जेल जाने के बाद अब आईएएस राजीव कुमार पर भी इस मामले की गाज गिर सकती है। जानकारों के मुताबिक आईएएस राजीव कुमार को भी जेल जाना पड़ सकता है। हालाँकि आईएएस राजीव कुमार के पास सरेंडर करने या सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के विकल्प हैं।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फरवरी में वरिष्ठ आईएएस व पूर्व प्रमुख सचिव, नियुक्ति राजीव कुमार और पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव को भ्रष्टाचार के आरोप में मिली सजा बहाल कर दी थी। इसके साथ ही पीठ ने उनकी बचाव में दाखिल अपील और जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी।
प्रदेश सरकार में पिछले महीने तक प्रमुख सचिव नियुक्ति जैसे महत्वपूर्ण पद पर तैनात रहे राजीव कुमार और पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव को गाज़ियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने 20 नवम्बर, 2012 को भ्रष्टाचार के मामले में तीन-तीन साल की क़ैद और जुर्माने की सजा सुनाई थी। सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दोनों ने हाई कोर्ट में अपील की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस हर्ष कुमार ने की और अपील खारिज कर दी।
इसके बाद राजीव कुमार को प्रमुख सचिव नियुक्ति पद से हटाकर उत्तर प्रदेश प्रबंधन अकादमी के महानिदेशक पद की जिम्मेदारी दी गयी थी। हाई कोर्ट के सजा बहाल करते ही राजीव कुमार को वेटिंग में डाल दिया गया, और तबसे वो वेटिंग में ही हैं। अब उनके पास सरेंडर करने या सुप्रीम कोर्ट में अपील के अलावा और कोई चारा नहीं है। ऐसा न करने पर पुलिस उन्हें सीधे अरेस्ट कर सकती है।
क्या है आरोप:
आईएएस राजीव् कुमार पर आरोप था की उन्हें सेक्टर 51 में बी-86 प्लाट आवंटित किया गया था, जिसे उन्होंने सेक्टर 44 के ए- में और फिर इसे सेक्टर 14-ए में 300 वर्गमीटर के भूखंड में परिवर्तित करव दिया। इसके अलावा प्लाट के पास की 105 मीटर की ग्रीन बेल्ट को भी प्लाट में बदल दिया।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें
Divyang Dixit
Journalist, Listener, Mother nature's son, progressive rock lover, Pedestrian, Proud Vegan, व्यंग्यकार