आईजी गोरखपुर मोहित अग्रवाल के कार्यालय द्वारा एक प्रेस नोट जारी कर उनके अधीन आने वाले जिलों के पुलिस कप्तानों से एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए निर्देश दिया गया है, लेकिन अब IG गोरखपुर के प्रेस नोट पर सवाल उठ रहे हैं।

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  • प्रेस नोट में जो रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है, उसमे सबसे पहला बिंदु है कार्य अवधि पूर्ण करने वालों की सूची तैयार की जाए, जो तीन वर्ष से तैनात है।
  • माफियाओं से संबंध रखने वाले, अगर किसी इलाके में कोई अपराध होगा तो पुलिसकर्मी अपने मुखबिर यानि अपराधिक प्रवृत के लोगों से ही घटना के बारे में पूछता है। न की किसी डॉक्टर, इंजीनियर और प्रोफेसर से पूछता है। कई बार तो पुलिसकर्मी जेल जाकर उससे संबंधित अपराधियों से पूछते हैं।
  • जिनके खिलाफ मुकदमें दर्ज किए गए हो, आरोप तो कोई भी किसी पर कुछ भी लगा सकता है। IPS अमिताभ ठाकुर पर एक महिला द्वारा रेप का आरोप लगाया गया था। उन पर मुकदमा भी दर्ज हुआ था। ऐसे कई अधिकारी है जो आपके अंडर में आते हैं, उन पर भी तमाम तरह के आरोप है। आप उन पर कार्रवाई कब करेंगे?
  • ऐसे कर्मचारियों की सूची, जिनके विरुद्ध जनता से दुर्व्यवहार की शिकायत हो…रोज पुलिसकर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार की शिकायतें आती हैं। लेकिन शिकायत दर्ज नहीं होती।
  • ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जिन्होंने आय से अधिक संपति अर्जित की हो, गोरखपुर शहर में ही आप के जोन में तैनात लगभग सभी अधिकारियों के मकान है। कई पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच भी चल रही है। उन पर कार्रवाई कब करेंगे?
  • संजय राय के मामले की अगर बात करें, चाहें वो पिपराइच का हो, सहजनवा का हो या फिर सेवरही का हो…जानकारी के मुताबिक, तीनों मामले में उच्य अधिकारियों द्वारा जांच की गई और उसे क्लीन चीट भी मिला…आप के अंडर में भी वो पिछले पांच महीनों से थानाध्यक्ष रहा…फिर अचानक से उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों की गई?
  • प्रभारी निरीक्षक चिलुआताल मो. असलम सिद्दकी पर आरोप ताजा है। उनके खिलाफ कार्रवाई कर जांच पर मैं सवाल नहीं उठा रहा।
  • ऐसे कौन से लोग हैं जिन पर आप भविष्य में कार्रवाई करने की सूची तैयार करने के लिए निर्देश दिए हैं?
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