आगरा का नाम आते ही ताजमहल की तस्वीर आँखों के सामने आ जाती है. ताजमहल विश्व धरोहर है मगर आगरा शहर को अहमदाबाद की तरह हेरिटेज सिटी बनने के लिए लंबी राह तय करनी है.

यूनेस्को से हेरिटेज सिटी का दर्जा पाने के लिए आगरा प्रशासन को 5500 अवैध निर्माणों को ध्वस्त करना होगा.

इनमे से 2000 अवैध इमारते तो प्रतिबंधित क्षेत्र में मौजूद है. जबकि 3500 शहर के अन्य इलाकों में है.

आदेश के बाद भी नहीं हुआ ध्वस्तीकरण:

विधान परिषद् को दी गई रिपोर्ट में आगरा डेवलपमेंट अथॉरिटी ने यह जानकारी दी थी 3500 अवैध निर्माण है. जिन्हें तोड़ने के लिए के नोटिस जारी हो चुके हैं.

लेकिन दो साल बाद भी इनके खिलाफ कार्रवाई कुछ भी नहीं की गई।

वित्तीय वर्ष 2016-17 में शहर के नौ वार्डों में करीब 426 अवैध निर्माण हुए हैं।

इनमें 397 के खिलाफ नोटिस भेजने की कार्रवाई की है।

26 अवैध निर्माणों को सील किया है पर एक भी अवैध निर्माण ध्वस्त नहीं किया जा सका।

साल 2014-15 में 28 और 2015-16 में अथॉरिटी ने 36 अवैध निर्माणों को तोड़ने के आदेश दिए थे.

मगर इन आदेशों को जमीन पर नहीं उतारा जा सका.

अहमदाबाद से लेनी होगी सीख:

हेरिटेज सिटी के नामांकन के लिए 2016 में अहमदाबाद विकास प्राधिकरण ने सेंटर फॉर एनवायरमेंट एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी  से डोजियर तैयार करवाया था.

16 पन्नों के इस डोजियर में शहर के इतिहास, कला, संस्कृति और खानपान सहित शहर के 27 संरक्षित धरोहरों की झलक मौजूद थी.

डिप्टी कमिश्नर के नेतृत्व में हेरिटेज सेल बनाया गया. 10 विभाग ने मिलकर काम किया.

जिसके बाद शहर में मौजूद अवैध निर्माणों को हटाकर मूलभूत ढ़ांचे में बड़े बदलाव किये गए.

एक महीने में भेजना है प्रस्ताव:

सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद अब आगरा विकास प्राधिकरण को एक महीने के अन्दर प्रस्ताव भेजना है. 2017 में अहमदाबाद ने देश की पहली हेरिटेज सिटी बनने का गौरव हासिल किया. अब आगरा अगर अहमदाबाद के मॉडल को अपनाए तो यह लक्ष्य पाया जा सकता है.

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