राजधानी लखनऊ के गोमती नगर इलाके में विपुल खंड स्थित एलडीए की विकसित VIP कॉलोनी में प्रदेश सरकार के एक कैबिनेट मंत्री खुलेआम तबेला चला रहे हैं। यह तब है जब शहरी क्षेत्र में डेयरी का संचालन पर हाईकोर्ट की रोक लगी हुई है। अंबेडकर पार्क से CMS के लिए जाने वाली मुख्य सड़क पर यह तबेला पूरी दबंगई के साथ चल रहा है। वहीं एलडीए और नगर निगम के अधिकारियों की जानकारी में भी मामला होने के बाद अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। विपुल खंड में भूखंड 1/8 पर चल रहे इस तबेले में आधा दर्जन से अधिक गाय भैंसे हैं।

एलडीए के रिकॉर्ड के मुताबिक, B टाइप (करीब 6000 फुट आकार) का यह भूखंड सहारनपुर के अमित कुमार पुत्र धर्म सिंह के नाम पर दर्ज है। वहीं तबेला देखने वालों ने खुद स्वीकारा कि कैबिनेट मंत्री ने भूखंड खरीदा हुआ है। उनकी ही गाय और भैंसे यहां रखी गई हैं। इनका दूध भी उन्हीं के यहां भेजा जाता है। पहले की शिकायतों के बाद जांच करने गए एलडीए और नगर निगम के स्टाफ ने भी इसकी पुष्टि की। इनका भी कहना है कि कैबिनेट मंत्री की जमीन पर गाय भैंस पाली जा रही हैं।

कुछ दिन पहले एलडीए की टीम जांच करने गई थी। भूखंड से सटे भवन में आवासीय कमर्शियल उपयोग मिलने पर कार्यवाही की गई थी। उसी समय टीम ने इस भूखंड पर हुए निर्माण और बने तबेले की छानबीन की। मौजूद कर्मचारियों ने कैबिनेट मंत्री की गाय भैंस और जमीन होने की धमकी देते हुए वहां से जाने को कह दिया था। इसके बाद कार्यवाही करने की जगह मामले को दबा दिया गया।

तबेले के पड़ोस में ही रहने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने इसकी शिकायत नगर निगम में की थी। मुख्य सड़क की सर्विस लेन पर भूसा गिरने से आसपास के घरों में समस्या हो रही थी। गोबर की बदबू भी लोगों को परेशान की है। इसके बाद आनन-फानन में टीम मौके पर पहुंची। लेकिन कैबिनेट मंत्री का नाम पता चलते ही बिना कार्यवाही के लौट आई।

हाईकोर्ट के अलग-अलग आदेश और नगर निगम की नियमावली के मुताबिक, शहरी सीमा में केवल दो गाय रखने की अनुमति है। इसके अलावा उनके बच्चे के साथ में रखे जा सकते हैं। यह अनुमति भी उस समय होगी जब गंदगी का उचित निस्तारण पशुपालक द्वारा सुनिश्चित किया जाए।

विपुल खंड की आरडब्ल्यूए रेजिडेंस वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष किशोर शाह का कहना है कि इस कॉलोनी में अधिकतर VIP ही रहते हैं। वहां एक आवासीय भूखंड पर खुलेआम तबेला चल रहा है। इससे दूसरे लोगों को भी समस्या होती है। मुख्य सड़क पर तबेला होने के बाद भी इस पर कार्यवाही ना होना चौंकाने वाला है।

हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक आवासीय इलाके में तबेला चलने के लिए नगर निगम के अलावा जिला प्रशासन और पुलिस संयुक्त रूप से जिम्मेदार है। तबेला हटाने की जिम्मेदारी प्रमुख रुप से नगर निगम की है। वही आवासीय भूखंड पर तबेला चलने और अवैध निर्माण रोकने की जिम्मेदारी एलडीए की है।

इस संबंध में नगर निगम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरविंद कुमार ने बताया निश्चित रूप से आवासीय इलाके में तबेला और अवैध डेयरी हटाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। जिसमें जिला प्रशासन और पुलिस का सहयोग लिया जाता हैं। विपुल खंड के इस तबेले की शिकायत अभी हमें नहीं मिली है। मामला संज्ञान में आया है, जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। वहीं एलडीए प्रभारी प्रवर्तन-एक भूपेन्द्र बीर सिंह ने बताया कि भूखंड पर तबेला चलना गलत है, वहीं वहां पक्का निर्माण किस आधार पर कर लिया गया है। इसके लिए नक्शा स्वीकृत कराया गया है या नहीं इसकी जांच होगी। हम वहां जांच करवा लेंगे लेकिन तबेला नगर निगम को हटवाना होगा।

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