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सीएम की मंशा पर मातहत फेर रहे पानी , नोड्यूज के नाम पर प्रत्याशियों से अवैध वसूली।

सीएम की मंशा पर मातहत फेर रहे पानी , नोड्यूज के नाम पर प्रत्याशियों से अवैध वसूली।

सीएम की मंशा पर मातहत फेर रहे पानी , नोड्यूज के नाम पर प्रत्याशियों से अवैध वसूली।

भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश के दावों की पोल देखनी हो तो सुल्तानपुर आइये। यहां के भ्रष्ट अधिकारियों का मनोबल इस कदर हावी है कि संभावित प्रत्याशियों से नो ड्यूस के नाम पर फर्जी रसीद छपवाकर अवैध वसूली की जा रही है। रशीद फर्जी न लगे लिहाजा उत्तर प्रदेश सरकार का लोगो भी लगाया गया। पैसे लेकर खण्ड विकास अधिकारी की मोहर और सिग्नेचर से चुनाव लड़ने वालों को नोड्यूज प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। फिलहाल मामला आलाधिकारियों के संज्ञान में है लेकिन वे भी हर बार की तरह इस बार भी जांच करवाने की बात कह रहे हैं।

गौरतलब हो कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों का ब्लाकों पर जमावड़ा लगा है। विभागों में बकाया जमाकर ये प्रत्याशी नोड्यूज बनवा रहे हैं। दिलचस्प बात तो ये है कि शासन से नो ड्यूस बनवाने के लिये कोई भी शुल्क लेने के लिये मनाही है। लेकिन सुल्तानपुर में दूबेपुर ब्लाक में अधिकारियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि उन्होंने नो ड्यूस यानि अदेय प्रमाण पत्र की फर्जी रशीद तक छपवा ली है। रशीद फर्जी न लगे लिहाजा उसपर उत्तर प्रदेश सरकार का लोगो बनवा लिया गया हैं। यहां चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक प्रत्याशियों से 75 से लेकर डेढ़ सौ रुपयों की अवैध वसूली की जा रही है। यानि अगर आप क्षेत्र पंचायत सदस्य या ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ना चाहते हैं तो आपको डेढ़ सौ, और अगर आप ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ना चाहते है तो 75 रुपए की रशीद कटवाना अनिवार्य है।

वहीं फर्जी रशीद छपवाकर नोड्यूज के नाम पर वसूली के बारे में जब जिलाधिकारी रवीश गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कई ब्लाकों से इस तरह रसीद छपवाकर अवैध वसूली शिकायत मिली है। फिलहाल संबंधित खण्ड विकास अधिकारियों से रिपोर्ट मंगवाई जाएगी, अगर त्रुटिवश लिया गया है तो लोगों का पैसा वापस करवाया जाएगा। वहीं अगर जानबूझकर कर अवैध वसूली की गई है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

सोचने वाली बात तो ये है कि शासन स्तर से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को किसी भी नो ड्यूस यानि अदेय प्रमाण पत्र बनवाने की कोई जरूरत नही है। यदि आप का किसी विभाग में बकाया है तो उसका भुगतान कर आप अपना नामांकन कर सकते हैं। नामांकन के दौरान आपका पत्र और बकाये की जांच होगी, अगर किसी भी विभाग में बकाया रहा तो आपका नामांकन निरस्त कर दिया जाएगा, लेकिन प्रमाण पत्र लगाने की कोई भी जरूरत नही है।

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