Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
India

पाक जेल से छूटे मछुआरे बोले वतन की मिटटी में है खुशबू का अहसास !

indian fishermen
अपने घर वापस लौटेने का क्या एहसास होता है ये वही बता सकता है जो अपने घर और अपने परिवार से दूर रहा हो। लेकिन ये एहसास तब और भी बढ़ जाता है जब आप अपने देश अपने वतन में वापस लौटे हों। गौरतलब हो कि पाक पीएम नवाज़ शरीफ के जन्म दिन के अवसर पर 200 भारतीय मछुआरों को जेल से आज़ाद किया गया था।  इन्ही में से 3 मछुआरे शनिवार जब कानपुर स्थित अपने गाँव मोहम्मदपुर पहुंचे तो इन्होंने ने कहा अपने देश की मिटटी में कदम रखने और इसकी खुश्बू का अहसास ही कुछ और है । घर लौटने पर इनके परिजनों की आँखों से आँसू छलक पड़े ,यह ख़ुशी के आँसू देखकर ग्रामीण भी भावुक हो गये ।

एक ही गाँव के ये तीन मछुआरे बीते 15 माह से पाकिस्तान की जेल में थे कैद

  • पाक जेल में कैद 200 मछुआरों को बीते हफ्ते पाक पीएम के जन्मदिन पर आज़ाद किया गया था।
  • इन में से तीन मछुआरे उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के मोहम्मदपुर गाँव के रहने वाले थे।
  • जब ये शनिवार अपने घर लौटे तो घर वालों परिजनों की आँखों से ख़ुशी से छलक पड़ीं।
  • बता दें की घाटमपुर थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर गांव के आधा दर्जन बेरोजगार काम की तलाश में गुजरात गए थे।
  • लेकिन जब इन्हें काम नही मिला तो सभी युवको ने एक मछली पकड़ने वाले ठेकेदार के अंडर समुन्द्र में मछली पकड़ने के काम में लग गये ।
  • 15 अक्टूबर 2015 को इन्ही में से तीनों युवक जय चंद्र ,संजय और रवि शंकर जखऊ(कच्छ) में ठेकेदार के अधीन मछली पकड़ने समुद्र में गए थे।
  • इसी दौरान नौका के अंतर्राष्ट्रीय सीमा के समीप पहुंचते पाकिस्तानी नौसेना ने फायरिंग कर कई नौकाएं व उसके सवार 27मछुआरों को पकड़ लिया गया था ।
  • जबकि एक घायल चालक नौका को तट पर ले आया और मामले की जानकारी दी।
  • इसी बीच इनके साथ गया एक साथी नितेश अपने गाव मोहम्मदपुर गांव वापस आगया
  • जिसने पूरे गाव वालो को इस घटना घटना की जानकारी दी थी
  • जिसे सुनते ही गांव भर में गम का माहौल छा गया
  • पाकिस्तान जेल से छूट कर आये संजय बताते है कि जब हमने हिंदुस्तान की सरजमी पर पैर रखा तो मुझे यह अहसास हुआ कि अब अपने घर आ गए ।

 मछुआरों ने सुनाई अपनी आप बीती

  •  उन्होंने ने बताया कि पाकिस्तान नेवी ने हम हमारी चार नौकाओं को पकड़ा था ।
  • जिसमे 27 मछुआरे थे हम सभी को सुरक्षा बलो ने थाने की पुलिस को सौप दिया था
  • इसके बाद हमें जेल में बंद कर दिया गया था ।
  • संजय का कहना है कि हम 15 माह से पाकिस्तान की जेल में बंद थे
  • हमने तो उम्मीद छोड़ दी थी कि अब अपने गांव व् परिवार से मिलने का मौका मिलेगा ।
  • उन्होंने कहा कि आय दिन सुनने में आता था कि इण्डिया और पाकिस्तान के बीच सीमा पर हालात ठीक नही है तो रूह काप जाती थी।
  • एक दिन-दिन घुट-घुट कर जीते थे अपने परिवार को याद करते थे ।
  • संजय ने बताया कि अभी जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी तो हमने सोचा की अब पाकिस्तान में ही हमारा अंतिम संस्कार होगा।
  • अपने देश की मिटटी तक हमें नसीब नही होगी ।
  • संजय ने बताया की सर्जिकल स्ट्राइक की गूंज पाकिस्तान की जेल में गूँज रही थी सभी उसी पर चर्चा कर रहे थे।
  • रवि शंकर और जय चंद्र के मुताबिक पाकिस्तान में एक बैरेक में 120 बंदी थे ।
  • हमारे साथ पकडे गये 27 मछुआरे सभी एक साथ एक बैरेक में थे ।
  • उन्होंने ने बताया कि हमें जेल में मोती की कढ़ाई का काम दिया गया था ,इसके बदले हमें रुपया नही दिया जाता था।
  • बल्कि हमें हमारी जरूरत के सामान जैसे साबुन ,तेल आदि दिया जाता था ।
  • जब हमें यह जानकारी मिली कि हमें जेल से रिहा किया जा रहा है तो हमारी ख़ुशी का ठिकाना नही रहा ।
  • जय चंद्र के पिता गंगा प्रसाद के मुताबिक जब से हमें यह जानकारी मिली कि हमारे बच्चे पाकिस्तान जेल में बंद है ।
  • बच्चो के लिए हमने कई दफे प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को खत लिखा।
  • जिसमे हमने बच्चो की रिहाई की मांग की लेकिन हमें किसी तरह का आश्वासन नही मिला।
  • हम अपने बच्चो से चिट्ठी के माध्यम से बात करते थे ।
  • कई-कई माह में हमारे संदेशे हमारे बच्चो तक पहुचते थे
  • हमें इंतजार रहता था कि कब हमारे बच्चो की चिट्ठी आएगी ।

ये भी पढ़ें :वीडियो: छात्रा ने छेड़छाड़ करने पर वकील को जमकर पीटा!

Related posts

पार्टी में हो रहा असंवैधानिक काम :राम गोपाल

Mohammad Zahid
8 years ago

भाजपा प्रदेश मंत्री शंकर गिरी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी की घोषणा की ।

Desk
3 years ago

अब तो संभलो: विशेषज्ञों के बाद एयरप्यूरीफायर भी बता रहा शहर की हवा में बढ़ रहे धातु कण

saurabh s
4 years ago
Exit mobile version