पूरे विश्व में हर साल 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। इस क्रम में यूपी के लखीमपुर खीरी जिला अस्पताल में नर्सेज डे धूमधाम से मनाया गया। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक चंदा पांडेय के साथ अस्पताल के डॉक्टर एके गौतम और वर्तमान नर्स स्टाफ ने इस दिन शनिवार को अस्पताल में भर्ती मरोजों को केला व पारले-जी बिस्किट के पैकेट बांटे। नर्सों ने सर्जिकल वार्ड, चिल्ड्रन वार्ड में सभी मरीजों को हर वर्ष की भांति खाद्य सामग्री वितरित की।

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) नोबल नर्सिंग सेवा की शुरूआत करने वाली ‘फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल’ के जन्म दिवस पर हर साल दुनिया भर में 12 मई को मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में अमीर और ग़रीब दोनों प्रकार के देशों में नर्सोंं की कमी चल रही है। विकसित देश अपने यहाँ नर्सोंं की कमी को अन्य देशों से नर्सोंं को बुलाकर पूरा कर लेते हैं और उनको वहाँ पर अच्छा वेतन और सुविधाएँ देते हैं, जिनके कारण वे विकसित देशों में जाने में देरी नहीं करती हैं। दूसरी ओर विकासशील देशों में नर्सोंं को अधिक वेतन और सुविधाओं की कमी रहती है और आगे का भविष्य भी अधिक उज्ज्वल नहीं दिखाई देता, जिसके कारण वे विकसित देशों के बुलावे पर नौकरी के लिए चली जाती हैं।

बिना नर्सों का कोई भी अस्पताल अधूरा है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान आदि सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को ठीक करने में नर्सों का करीब 60 प्रतिशत योगदान होता है। ऑपरेशन थियेटर, मेडिकल आईसीयू, इमरजेंसी, जनरल वार्ड, ट्रांसप्लांट यूनिट आदि सभी विभागों में नर्सों की ड्यूटी लगायी जाती हैं। यहां तक कि भर्ती मरीजों को इंजेक्शन से लेकर दवाएं, जांच आदि समय-समय पर देना, ट्रीटमेंट करना आदि नर्सों का ही रोल है। पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, गार्डिनर रोड अस्पताल आदि सरकारी अस्पतालों में नर्सों की भारी कमी चल रही है। पीएमसीएच व आईजीआईएमएस में मरीजों की संख्या के अनुपात में 30 प्रतिशत नर्सों की कमी हैं।

इतना ही नहीं राजधानी के दो कॉलेज पीएमसीएच व आईजीआईएमएस में नर्सिंग की पढ़ाई के लिए अलग से कॉलेज बनाया गया है। यहां पढ़ाई तो होती है, लेकिन शिक्षकों की भारी कमी हैं। पीएमसीएच में सिर्फ सात नर्स की बदौलत सैकड़ों छात्राएं हैं। इतना ही नहीं पीएमसीएच नर्सिंग कॉलेज में तीन नर्स को छोड़ बाकी सभी संविदा पर ही कार्यरत हैं। मरीज को दवा देनी हो, उनका खून टेस्ट करने, शरीर से खून निकालना हो, नसों की ओर शरीर में दवाइयां चढ़ानी हो या सिर्फ मरीज को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना हो इन सभी कामों में एक नर्स को बड़ी सावधानी बरतनी पड़ती है।

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