लखनऊ विकास प्राधिकरण प्रशासन अवैध निर्माण पर कार्रवाई के मामले में लाचार दिखायी पड़ रहा है। अवैध निर्माणों पर तत्काल कार्रवाई की बात करने वाले वर्तमान वीसी ने भी पूर्व डीजी विजिलेंस भानु प्रताप सिंह के अवैध निर्माण को गिराने के मामले में हाथ पीछे खींच लिये हैं। इसके उलट, आरटीआई कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने लड़ाई जारी रखी है। इसे देखकर ये लगता कि लखनऊ विकास प्राधिकरण प्रशासन केवल कमजोर पर ही काययवाही करने में सक्षम है। बड़े लोगों पर हाथ डालने का साहस शयद उसे पास नहीं है।

ये भी पढ़ें : स्टेट हाईवे 05: सड़क में गड्ढे या गड्ढे में दुबकी सड़क!

करोड़ों के मकान को बता रहे 30 लाख का

  • आरटीआई कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने विजय खंड स्थित प्लाट संख्या  1/13 के खिलाफ परिवाद दायर किया है।
  • आपको बता दें की ये प्लाट पूर्व सतर्कता निदेशक भानु प्रताप सिंह का है।
  • जिनके खिलाफ लोकायुक्त जस्टिस संजय मिश्रा के समक्ष आरटीआई कार्यकर्ता ने परिवाद दायर किया है।
  • आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि वह शासन से इस प्लाट का विवरण छिपा रहे हैं।
  • जबकि एलडीए इस आधार पर कार्रवाई करने का साहस नहीं जुटा पा रहा है।
  • पूर्व सतर्कता निदेशक भानु प्रताप सिंह के खिलाफ दायर परिवाद में लोकायुक्त, उत्तर प्रदेश जस्टिस संजय मिश्रा ने जांच ग्रहण कर लिया है।
  • नूतन द्वारा 30 मार्च 2017 को दायर परिवाद में भानु प्रताप सिंह पर 1/13 ए विजय खंड स्थित 540 वर्ग मीटर के एक प्लाट का विवरण शासन से छिपाने का आरोप है।
  • पत्नी नम्रता सिंह के पास 2/517 ए विजय खंड स्थित जो मकान है उसको लेकर भी आरोप है।
  • 300 वर्ग मीटर प्लाट में बने आलीशान मकान की कीमत मात्र 30 लाख बताई गयी है।
  • जबकि इस आलिशान मकान की असल कीमत करोड़ों में है।
  • लोकायुक्त ने प्रारंभिक जांच के बाद औपचारिक अन्वेषण शुरू कर दिया है।
  • भानु प्रताप सिंह से स्पष्टीकरण मिलने पर नूतन को उनके संबंध में उत्तर देने को कहा गया है।
  • भानु प्रताप ने अपने स्पष्टीकरण में सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
  • फिलहाल जांच में कुछ भी सामने आए लेकिन नूतन ठाकुर के इस कदम के बाद प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी और एलडीए में हडक़ंप जरूर मच गया है।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें