उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक ओपी सिंह के साथ ही आला अधिकारियों की मौजूदगी में आज लखनऊ में स्वर्गीय सुरेंद्र दास का अंतिम संस्कार किया गया है। कानपुर में एसपी सिटी पूर्वी के पद पर रहे सुरेंद्र दास ने छह दिन पहले आत्महत्या का प्रयास किया था और कल उनका निधन हो गया। गार्ड ऑफ ऑनर के बाद बड़े भाई नरेंद्र दास ने उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। इस मौके पर पत्नी डॉक्टर रवीना तथा उनके परिवार के कई लोग भैसा कुंड धाम में मौजूद थे। अंत्येष्टि के दौरान ही डॉ. रवीना माता-पिता के साथ वापस कानपुर लौट गई। सुरेंद्र के अंतिम संस्कार के दौरान जहां पुलिस के आला अधिकारियों की आंखे नम थी वहीं पत्नी रवीना भी रोती हुई दिखी। लोग उन्हें ढांढस बंधा रहे थे।

बता दें कि लखनऊ में संजय गांधी पीजीआई के पास एकता नगर में उनके आवास पर कल पार्थिव शरीर को लाया गया था। वहां पर तमाम रिश्तेदारों ने उनका अंतिम दर्शन किया। पत्नी डॉ. रवीना भी अपने पिता के साथ कल कानपुर से पहुंची थी। आज सुबह गोमती नदी के तट पर भैसाकुंड में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान मंत्री उपेंद्र तिवारी के साथ सांसद जगदंबिका पाल की मौजूद थे।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]कानपुर में बड़ा अस्पताल खोलने का था सुरेंद्र का सपना[/penci_blockquote]
कानपुर में तैनाती के दौरान सुरेंद्र दास का सपना कानपुर में एक बड़ा अस्पताल खोलने का था। इसके लिए वह परिवार के लोगों के बीच सहमति बना रहे थे। इसी कारण ही पत्नी डॉ. रवीना भी अम्बेडकर नगर मेडिकल कॉलेज छोड़कर कानपुर आ गई थी। ऐसी चर्चा पत्नी के साथ मेडिकल कॉलेज में पढ़े छात्रों और शिक्षकों के बीच चल रही है। एक शिक्षक ने नाम नहीं छापने की शर्त करने पर बताया कि सुरेंद्र दास मेडिकल कॉलेज आया करते थे। उनका मानना था कि एक डॉक्टर को स्वतंत्र तौर पर काम करना चाहिए। बंदिश से रचनात्मक प्रतिभा नहीं दिखती है। वैसे डॉक्टरी पेशे से वह काफी खुश थे। खासतौर से एनॉटामी विभाग जिसमें उनकी पत्नी एमएस कर रही थीं उससे उन्हें बड़ा लगाव था।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]डॉ. रवीना के साथ खुद की थी शादी की खरीदारी[/penci_blockquote]
सुरेंद्र दास ने शादी की खरीदारी रवीना के साथ मिलकर लखनऊ में की थी। डॉ. रवीना की पसंद से कपड़े और दूसरे सामान खरीदे गए थे। एक जूनियर डॉक्टर का कहना है कि सुरेंद्र दास की मां चाहती थीं कि किसी तरह की कोई शिकायत नहीं हो इसलिए पूरी खरीदारी होने वाली बहू करे। अक्सर शादी से पहले डॉ. रवीना लखनऊ जाती थीं और मां के साथ मिलकर खरीदारी करती थीं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]शादी का निमंत्रण देने गए थे जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज [/penci_blockquote]
वह खुद अपनी शादी का निमंत्रण देने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज आए थे। यहां के मेडिकल कॉलेज के लगभग 50 फीसदी शिक्षक और कर्मचारी शादी में शामिल हुए थे। शादी के बाद भी जब तक उनकी पत्नी यहां पढ़ रही थी वह यहां आया करते थे। कर्मचारियों का कहना है कि ऐसा लगता था कि सुरेंद्र यहां के छात्र हैं। तभी शादी में सभी लोग गए। वह कहा करते थे घबराओ नही एक अस्पताल खोलेंगे उसमें सभी लोग मिलकर काम करेंगे।

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