पिछले पांच दिन से रीजेंसी अस्पताल में भर्ती आईपीएस सुरेंद्र दास की रविवार को मौत हो गई। उनके शरीर के कई अंगों ने शनिवार को काम करना बंद कर दिया था। डॉक्टरों के मुताबिक, उसके एक पैर में ब्लड की सप्लाई नहीं हो रही थी। मौत की खबर मिलते ही पुलिस महकमा शोक की लहार में डूब गया। वहीं आईपीएस के घर में भी कोहराम मचा हुआ है। डीजीपी डीजीपी ओपी सिंह शनिवार को आईपीएस को देखने कानपुर पहुंचे थे। डीजीपी ने आईपीएस की मौत पर गहरा दुःख प्रकट किया है।

गौरतलब है कि पारिवारिक उलझनों के चलते बीते मंगलवार को कानपुर के एसपी पूर्वी सुरेंद्र दास ने जहरीला पदार्थ खा लिया था। उनके इलाज के लिए मुंबई से डाक्टर प्रनव ओझा की देखरेख में तीन डाक्टरों की टीम लगाई गई थी। रीजेंसी अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश अग्रवाल ने बताया कि उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। उनके ऑपरेशन के लिए आईसीयू में ही ऑपरेशन थियेटर बनाया गया था। कानपुर के एसएसपी अनन्त देव तिवारी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आईपीएस के निधन से पुलिस विभाग को एक गहरा आघात लगा है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पारिवारिक कलह के चलते उठाया कदम[/penci_blockquote]
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पारिवारिक कलह के चलते श्री दास ने यह कदम उठाया है। घटना वाली रात वह काफी परेशान थे। सुबह उल्टी होने पर उन्हें उर्सला ले गए। जहां कोई सीनियर डॉक्टर न होने पर पास ही स्थित एक निजी नर्सिंग होम ले जाया गया, लेकिन बाद में अधिकारियों के कहने पर रीजेंसी में भर्ती कराया गया। बताते चलें कि अाईपीएस सुरेंद्र कुमार दास मूलतः बलिया के रहने वालें हैं। उनके पिता लखनऊ में ही रहते हैं। सुरेंद्र नें इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है।

एसपी पश्चिमी संजीव सुमन ने कहा कि सुरेंद्र कुमार दास पारिवारिक कलह से परेशान थे। उन्होंने उसी से तनाव में आकर ऐसा कदम उठाया था। फिलहाल लखनऊ से उनके परिजन भी पहुंच चुके हैं। सुरेंद्र दास बलिया के रहने वाले हैं और इनकी पत्नी रवीना जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर से एमडी कर रही हैं। सुरेंद्र दास का परिवार फिलहाल लखनऊ में शिफ्ट है। पत्नी साथ में रहती हैं। एडीजी अविनाश चंद्र, मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा समेत कई आलाधिकारी घटना के बाद उनकी तबियत पूछने अस्पताल पहुंचे थे। रीजेंसी में मौजूद डॉक्टर पत्नी, सास-ससुर व परिजन उनके जीवन रक्षा की कामनाएं करते रहे लेकिन किसी की कामना काम ना आई।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]लगातार अधिकारी कर रहे आत्महत्या[/penci_blockquote]
➡4 सितंबर 2018 को कानपुर नगर में एसपी पूर्वी पद पर तैनात 2014 बैच के आईपीएस सुरेंद्र दास ने बुधवार तड़के सरकारी आवास में जहरीला पदार्थ खा लिया। उन्हें रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उनकी रविवार 9 सितंबर को मृत्यु हो गई।
➡4 सितंबर 2018 को गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे में उप मुख्य वाणिज्य प्रबंधक तरुण शुक्ला ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। शाहपुर थाने की कौआबाग चौकी इंचार्ज मौके पर पहुंचे और उन्होंने दरवाजा तोड़ा तो देखा तरुण शुक्ला मृत पड़े हैं। मुंह और सीने पर खून निकला था। रिवाल्वर उनके सीने पर पड़ी थी। टेबल पर ही दो पन्ने का सुसाइड नोट भी था।
➡29 मई 2018 को उत्तर प्रदेश के एटीएस हेडक्वॉर्टर में तैनात अपर पुलिस अधीक्षक राजेश साहनी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। हालांकि विभाग के उच्चाधिकारियों का कहना था कि उन्होंने सर्विस पिस्टल के खुद को गोली मरकर आत्महत्या की थी।

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