अगर जिला कारागार कौशाम्बी की तरह यूपी का हर जेलर काम करे तो वाकई जेलों की सूरत बदल जायेगी। ये हम नहीं बल्कि यहां निरुद्ध कैदियों की जी जुबानी है। बता दें कि जिला कारागार के जेलर ने पिछले वर्ष 100 कैदियों को गर्म कपड़े वितरित किये थे। इसके बाद उन्होंने डॉक्टरों की मदद से जेल परिसर में ही महिला कैदियों के बच्चों के लिए टीकाकरण शिविर का आयोजन कर महिलाओं के बच्चों को टीका लगवाए। अब जेल में ही कौशल विकास प्रशिक्षण, खेलकूद सहित कई कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। इसी क्रम में यातायात माह को पर्व की तरह कौशांबी पुलिस मना रही है। लोगों को यातायात के प्रति जागरूक करने के ख़ास अभियान पूरे जनपद मे आयोजित हो रहे हैं। इसी सिलसिले मे ज़िला जेल के जेलर ने तीन दर्जन से अधिक हेल्मेट लोगों को मुफ़्त बॉंटे।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]जेल गए मुलाकातियों को मिली सौगात[/penci_blockquote]
कौशाम्बी जिला कारागार के जेलर भीम सेन ने बताया कि कैदियों से मिलने ज़िला जेल पहुँचे उनके संबंधियों को अंदाज़ा भी नहीं रहा होगा कि उनको जेल मे सौग़ात मिलने वाली है। ये सौग़ात क़रीब चालीस लोगों को हेल्मेट के रूप मे मिली। साथ ही दूसरी सौग़ात के रूप मे यातायात नियमों की बारीकियाँ भी मौक़े पर पुलिस विभाग द्वारा दी गई। सड़क पर बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए कौशाम्बी पुलिस ने विशेष प्रतिबद्धता दिखाई है। पुलिस द्वारा लोगों को यातायात की जानकारी देकर दुर्घटनाओं को रोकने का प्रयास जारी है। हालाँकि जेलर बी एस मुकुंद जेल मे अभूतपूर्व सुधार के लिए जनपद मे जाने जा रहे हैं। लेकिन जेल के बाहर के प्रशासन मे उनके इस भागीदारी से निश्चित ही यातायात सुधार कार्यक्रम को बल मिलेगा।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]बंदियों से मुलाकात करने वाले दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट अनिवार्य[/penci_blockquote]
दो पहिया वाहन से दुर्घटना मे हुई मौतों मे ज़्यादातर लोगों के सिर पर चोट पाई जाती है। हेल्मेट का उपयोग करके इससे बचा जा सकता है। इस कार्यक्रम मे मौजूद पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने जेलर के प्रयास की सराहना की तथा कहा कि इससे हम सड़क दुर्घटना को कम करके लोगों की जान बचा सकते हैं। जेलर बी एस मुकुंद ने बताया कि जेल मे क़ैदियों से मिलने दो पहिया वाहन से आने वाले लोगों के लिए हेल्मेट अनिवार्य होगा। बिना हेल्मेट बाइक से आने पर लोग जेल मे बंद किसी भी परिजन या संबंधी से नहीं मिल पाएँगे। जेलर मुकुंद के इस प्रयास के बाद लोगों मे जागरूकता के साथ यातायात नियमों के पालन की अलख जगेगी। सड़क पर बढ़ती वाहन संख्या को देखते हुए यातायात नियमों का पालन ज़रूरी हो चला है।

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