कल निर्भया को इंसाफ मिल गया, इस ख़ुशी में पूरा देश सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर अपनी राय जाहिर कर रहा था. निर्भया के साथ हुई बर्बरता के बाद पूरा देश महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सड़कों पर उतरा था. विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, लोगों में गुस्सा था और अंततः लोगों के प्रयासों और निर्भया के माता-पिता की लड़ाई ने निर्भया को इंसाफ दिलाने का काम किया और सुप्रीम कोर्ट ने चारों आरोपियों की फांसी की सजा बरकरार रखी थी.

वहीँ दिल्ली से कुछ सौ किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के जालौन में, जहाँ कि वर्तमान में योगी सरकार सत्ता संभाल रही है, एक महिला के साथ 8 लोगों ने एक-एक कर बलात्कार किया और महिला के पति को बंधक बनाकर रखा था. बलात्कार से पहले उन्होंने लूटपाट भी की.

दोषी पुलिस की गिरफ्त से बाहर, सरकार मौन:

एक ही दिन में एक तरफ निर्भया को इंसाफ मिला तो वहीँ दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के जालौन में एक और निर्भया 8 लोगों की हवस का शिकार बनी. लेकिन हैरानी की बात है कि अभी तक इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ दल से लेकर विपक्ष( जो कि आपस में ही उलझा है), तक को इस मुद्दे पर बोलने का वक्त नहीं मिल रहा है और ना ही उत्तर प्रदेश की सदैव तत्पर रहने का दावा करने वाली पुलिस दोषियों पर शिकंजा कसने में कामयाब हो सकी है. कुछ लोगों को पुलिस ने निशानदेही पर उठाया जरुर लेकिन अभी तक पुलिस ये बता पाने में असमर्थ है कि ये वही लोग हैं जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया था.

ऐसे दिया वारदात को अंजाम

  • पीड़िता के मुताबिक, गोहन थाना क्षेत्र के ग्राम सिरावली की रहने वाली महिला अपनी रिश्ते दारी में औरैया गई थी.
  • वह जालौन-औरैया मार्ग पर अपने पति के साथ घर जाने के लिए बस के इंताजर में खड़ी थी.
  • इस दौरान एक पिकअप कार वहां से गुजरी और पति-पत्नी को जालौन जाने की बात कहकर उसमें बैठा लिया.
  • पीड़िता के पति के मुताबिक, पिकअप जालौन के साहब मोड़ के पास पहुंची तो पिकअप चालक गाड़ी को एक पुलिया की तरफ ले गया.
  • सुनसान इलाका देख उसके पति को बंधक बनाकर 8 बदमाशों ने महिला और उसके पति से लूट की वारदात को अंजाम दिया.
  • साथ ही सभी दरिंदों ने बारी-बारी से महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दे डाला.
  • घटना को अंजाम देने के बाद दरिंदे मौके से फरार हो गए.
  • पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है.
  • ये पहली बार नहीं जब इस प्रकार बलात्कार को इस रूप में अंजाम दिया गया है.
  • हैरानी की बात है कि अभी तक पुलिस को कथित आरोपियों के बारे में कोई सुराग नहीं मिल पाया है.

महिला सुरक्षा के योगी सरकार के दावे फेल:

एंटी रोमियो स्क्वायड के गठन के बाद योगी सरकार ने बड़े-बड़े दावे किये कि महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता होगी और किसी प्रकार की छेड़खानी और बलात्कार को अंजाम देने वाले दोषियों के साथ सख्ती से निपटा जायेगा. लेकिन इसका दूसरा पहलू ये भी है कि सुस्त पुलिसिया कार्रवाई के कारण अभी भी पुलिस की पहुँच से दोषी दूर हैं.

योगी सरकार के किसी मंत्री ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया है और ना कोई पीड़िता से मिलने गया. यहाँ तक कि इस प्रकार की अमानवीय घटना के बाद इसकी भर्त्सना भी करने का वक्त नहीं मिल पाया है.

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