राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम गांव में अनूठी पहल की शुरुआत हुई है। यहां के रसूलपुर कायस्थ (योगी जी पुरम) गांव को डिजिटल गोकुल गांव बनाने की कवायद शुरू हो गयी है। इनर व्हील क्लब लखनऊ व एक जिम्मेदार पत्रकार ने इस ओर कदम बढ़ाया है। नागरिकों को रोजगार, बच्चो को शिक्षा, जरुरतमंदो की मदद, अग्रज सेवा, बाल उद्यान जैसे तमाम योजनाओं को अंजाम देने का जिम्मा इनर व्हील क्लब ने उठाया है।

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गुरुवार को इस पहल का शुभारंभ रसूलपुर कायस्थ (योगी जी पुरम) गांव के पंचायत भवन में हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में इनर व्हील क्लब की चेयरमैन ममता द्विवेदी, बीकेटी विधायक अविनाश त्रिवेदी व कृषि विभाग के पूर्वनिदेशक विनय श्रीवास्तव ने शिरकत की। सबसे पहले चेयरमैन ममता द्विवेदी ने दीप प्रज्जलवित किया और फिर उनके साथ बनारस से चलकर आयी संस्था की एक बच्ची ने गणेश वंदना पर अपनी प्रस्तुति दी।

अपने वक्तव्य में विधायक अविनाश त्रिवेदी ने इनर व्हील की इस पहल की खूब सराहना की। संस्था की चैयरमैन ममता द्विवेदी ने कहा कि उनकी इस पहल का पुरजोर प्रयास रहेगा कि प्रत्येक ग्रामीण को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। महिलाओं को शसक्त करना आज समाज मे बहुत जरूरी है और महिलाओं के पास रोजगार होगा तो वो शसक्त स्वयं में होंगी। वहीं बच्चियों की शिक्षा की ओर ध्यान केंद्रित करते हुए ममता द्विवेदी ने कहा कि गांव की एक एक बच्ची को शिक्षा दिलवाई जाएगी। अध्यक्ष अनुपम पांडेय ने बताया कि ग्राम महोत्सव की घोषणा भी हो गयी है। मार्च के अगले चरण में गांव में सरकारी मशीनरी आएंगी।

खिल उठे दिव्यांगों के चेहरे

अध्यक्ष अनुपम पांडेय ने बताया कि डिजिटल गोकुल गांव एक पहल है। पिछड़े गांव में व्यवस्थाओं को लाने की। उन्होंने बताया कि इस पहल के जरिये गांव में रोजगार, दिव्यांग सेवा, शिक्षा, पूरे गांव में एलईडी बल्ब आदि विषयों पर काम किया जाएगा। वहीं गांव से 22 दिव्यांगों को चिन्नहित किया गया है। इस गांव के 70 साल के इतिहास में आज तक कभी किसी दिव्यांग को सरकार से मिलने वाली सुविधाएं नही मिली।

लेकिन संस्था की इस पहल के जरिये गुरुवार को चार दिव्यांगों को ट्राई साईकल व व्हील चेयर मिली तो उनके चेहरे खिल उठे। 50 वर्षीय सूबेदार सिंह, कीर्ति पुत्री अमरनाथ व संजना पुत्री राघव को ट्राई साईकल दी गयी जबकि पैरो से दिव्यांग एक मासूम बच्ची गायत्री को व्हील चेयर दी गयी। वहीं अध्यक्ष ने बताया कि सभी चिंहित दिव्यांगों के सर्टिफिकेट व डाक्यूमेंट्स पूरे करवाकर उन्हें भी जल्द से जल्द सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

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गांव को डिजिटल गोकुल गांव बनाने की इस पहल में गांव में एक पुस्तकालय का उद्घाटन भी विधायक अविनाश त्रिवेदी के हाथों हुआ। उन्होंने संस्था को यह सलाह भी दी कि इस लाइब्रेरी का नामकरण किसी वीरांगना महिला के नाम पर किया जाए। वहीं गांव में बेरोजगार महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए सिलाई केंद्र की भी शुरुआत हो रही है। यहां महिलाएं शिक्षण लेकर रोजगार पा सकेंगी।

उन्होंने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के साथ वो सरकार तक गांव की बात पहुंचाएंगे। यही नहीं शिक्षा के क्षेत्र में वो दो से तीन घंटे की क्लास भी चालायेंगे। कार्यक्रम में ग्राम प्रधान राम गोपाल रावत, खरगापुर प्रधान बृजेन्द्र मिश्रा, अध्यक्ष अनुपम पांडेय व मधुरिमा बाजपेई मौजूद रहे और ग्रामीणों ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।

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