जौनपुर: टिकट दलाली के बढ़ते मामलों के बीच जौनपुर आरपीएफ अब प्रबल सॉफ्टवेयर का सहारा लेगा। प्रबल आरपीएफ की ही एक साइबर शाखा है, जो प्रतिबंधित साफ्टवेयरों से बुक किए जाने वाले टिकट के बारे में अलर्ट करता है। आइआरसीटीसीने हाल ही में टिकट बुकिग एजेंटों की सूची मांगी थी, जिन्हें चिन्हित कर मुख्यालय भेज दिया गया है।

इसके अलावा साइबर अपराधियों के गठजोड़ को तोड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की भी मदद ली जा रही है। अवैध साफ्टवेयर की मदद से आइआरसीटीसी की वेबसाइट में सेंधमारी कर कन्फर्म टिकट झटकने वालों की धरपकड़ के लिए अब साफ्टवेयर पेशेवरों की मदद ली जाएगी।

आइटी एक्सपर्ट स्थानीय स्तर पर भी आरपीएफ टीम को प्रशिक्षित करेंगे जिससे प्रबल द्वारा दी गई सूचना पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। आरपीएफ की कोशिश अब उन्हें शिकंजे में लेने की है जो अवैध साफ्टवेयरों की खरीद-फरोक्त में लगे हैं। इस कड़ी में अवैध टिकटों के कारोबार में पूर्व में गिरफ्तार किए आरोपितों से भी पूछताछ की जा रही है।

ई-टिकटों पर जहां प्रबल से शिकंजा कसे जाने की तैयारी की गई है, वहीं रेलवे काउंटरों पर विशेष नजर रखी जा रही है। मुख्यालय से आए निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि काउंटरों के पास लगे सीसीटीवी कैमरा किसी भी हाल में बंद न रहे। साथ ही काउंटरों पर सिविल में आरपीएफ जवानों को भी तैनात किया जाय, जिससे तत्काल टिकट में गड़बड़ी न हो सके। जौनपुर व शाहगंज क्षेत्र टिकट दलालों का गढ़ बन चुका है। अभी तक दोनों ही जगहों पर हुई छापेमारी में कई टिकट दलालों को पकड़ा गया है।

बरईपार क्षेत्र से अभी हाल ही में आरपीएफ ने महिला कोटे में सेंधमारी करने वाले गैंग को दबोचा है। इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच यशवंत सिंह ने बताया कि टीम की नजर अब अवैध साफ्टवेयर को बनाने व बेचने वालों पर है। इसे लेकर तमाम बड़े शहरों में छापेमारी की जा रही है। बोले अधिकारी।

साइबर अपराधी प्रतिबंधित साफ्टवेयर का इस्तेमाल कर ई-टिकट बुक कर रहे हैं। अब प्रबल की ओर से स्थानीय स्तर पर भी अलर्ट जारी किया जा रहा है। सटीक सूचना के आधार पर कई दलालों को पकड़ा भी गया है। साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए आइटी एक्सपर्ट की भी मदद लेने को मुख्यालय की ओर से निर्देश आया है।

 

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