उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में साल 2016 में 2 जून को जवाहर बाग़ (jawahar bagh case) में कब्ज़ा हटवाने गयी पुलिस फोर्स पर सैकड़ों हथियारबंद लोगों ने हमला कर दिया था, जिसमें तत्कालीन SSP मुकुल द्विवेदी और SHO संतोष की मुठभेड़ के दौरान मौत हो गयी थी. जिसके बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गयी थी.
कोर्ट डीएनए रिपोर्ट ना पेश किये जाने से नाराज:
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच जल्द पूरी करने का निर्देश दिया है.
- 22 सितंबर तक जांच पूरी करने का हाईकोर्ट का निर्देश दिया है.
- विशेष सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद में आरोप पत्र दाखिल करने का आदेश भी दिया गया है.
- सीबीआई ने कोर्ट को 91 आरोपियों से पूछताछ किये जाने को लेकर जानकारी दी है.
- मुख्य आरोपी रामवृक्ष की डीएनए रिपोर्ट न आने पर कोर्ट नाराज है.
- अश्विनी उपाध्याय सहित कई लोगों ने इसको लेकर याचिका दाखिल की है.
- चीफ जस्टिस डी बी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की.
रामवृक्ष यादव को मृत घोषित किया यूपी पुलिस ने(jawahar bagh case):
- जवाहरबाग़ हत्याकांड में राज्य सरकार और यूपी पुलिस की काफी फजीहत हुई थी.
- जिसके बाद मुठभेड़ रुकने के साथ ही तत्कालीन DGP जावीद अहमद ने जानकारी दी कि, रामवृक्ष यादव को मार दिया गया है.
- लेकिन यूपी पुलिस के इस दावे की हवा रामवृक्ष यादव के बेटे विवेक यादव ने ही निकाल दी थी.
- विवेक के मुताबिक, यूपी पुलिस ने रामवृक्ष यादव को जिंदा पकड़ा था.
- रामवृक्ष यादव के जिंदा होने की पुष्टि का समर्थन हैदराबाद के FLS की DNA रिपोर्ट में किया गया है.
- रिपोर्ट के मुताबिक, रामवृक्ष यादव का डीएनए विवेक यादव से मैच नहीं हुआ था.
नक्सलियों से जुड़े थे तार(jawahar bagh case):
- मथुरा के जवाहरबाग़ हत्याकांड जैसी घटना ने वर्तमान सरकार समेत प्रशासन को सकते में डाल दिया था.
- हालाँकि, मामले में राज्य सरकार द्वारा लापरवाही को भी बड़े पैमाने पर प्रदर्शित किया गया था.
- वहीँ सरकार की मुश्किलें तब बढ़ गयीं जब जांच के बाद जवाहरबाग़ घटना के तार नक्सलियों से जुड़े मिले.
- जांच में सामने आया कि, नक्सलियों द्वारा रामवृक्ष यादव को बड़े पैमाने पर हथियार-खाद्य सामग्री दिलाई जा रही थी.
पूरा मामला(jawahar bagh case):
- साल 2014 में रामवृक्ष यादव के नेतृत्व में कुछ प्रदर्शनकारियों ने जवाहरबाग़ में तीन दिन के लिए डेरा डाला था.
- ये सभी प्रदर्शन के लिए दिल्ली जा रहे थे.
- लेकिन तीन दिन का प्रदर्शन बढ़कर 2 साल का हो गया.
- इस दौरान रामवृक्ष यादव और उसके साथियों ने बाग़ में झोपड़ियाँ भी बना ली थी.
- साथ ही साथ बाग़ में एक प्रकार से कब्ज़ा कर किसी के भी आने-जाने की रोक लगा दी गयी.
- रामवृक्ष यादव लगभग रोज शाम को सभाएं करता था, जिसमें भड़काऊ भाषण दिए जाते थे.
- कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पुलिस की टीम बीते 2 जून को बाग़ को खाली कराने पहुंची थी.
- लेकिन बाग़ में मौजूद रामवृक्ष यादव के हथियारबंद साथियों ने पुलिस पर अचानक गोलियां बरसानी शुरू कर दी.
- जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गयी, मुठभेड़ में SSP मुकुल द्विवेदी और SHO संतोष घायल हो गए थे.
- बाद में मामले की जांच कोर्ट द्वारा सीबीआई को सौंप दी गयी थी.
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Kamal Tiwari
Journalist @weuttarpradesh cover political happenings, administrative activities. Blogger, book reader, cricket Lover. Team work makes the dream work.