फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को अपने सहयोगी दलों की मदद से ऐतिहासिक जीत हासिल हुई है। इस जीत से सपा और बसपा दोनों का हौंसला पहले से बहुत ज्यादा बढ़ चुका है। इन उपचुनावों के बाद सभी की नजर उत्तर प्रदेश की 1 और लोकसभा सीट कैराना पर होने वाले उपचुनाव पर टिकी हुई है। बसपा सुप्रीमों मायवती ने पहली ही उपचुनावों में सपा को समर्थन देने से मना कर दिया है। इस बीच कैराना लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए एक पार्टी ने अपने प्रत्याशी का चुनाव कर लिया है।

भाजपा सांसद के निधन से रिक्त है सीट :

कैराना लोकसभा सीट भाजपा के कद्दावर नेता और सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद रिक्त हुई है। बीजेपी भी आने कद्दावर नेता की इस सीट को किसी कीमत पर नहीं खोना चाहती है। इस सीट से दिवंगत हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह सिंह के प्रत्याशी बनाये जाने की चर्चाएँ हैं। भाजपा पिछले 2 उपचुनावों में मिली हार से सबक लेकर इस उपचुनाव में उतरेगी और अगर ये सीट भी भाजपा के हाथ से गयी तो 2019 में उसके लिए बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो जायेगी। देखना है कि सपा और बसपा और भाजपा इस सीट पर किसे प्रत्याशी का चयन करते हैं। मगर राष्ट्रीय लोक दल ने अपने प्रत्याशी का चुनाव कर लिया है।

 

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जयंत चौधरी होंगे प्रत्याशी :

सहारनपुर पहुंचे राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने दावा किया है कि रालोद कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव में जयंत चौधरी को चुनाव मैदान में उतारेगी।  अगर गठबंधन उन्हें प्रत्याशी बनाता है तो ठीक, नहीं बनाता तो वह अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कैराना सीट को रालोद की परंपरागत सीट बताते हुए कहा कि जाट, मुस्लिम, गरीब, मजदूर सब मिलकर रहेंगे तो सांप्रदायिक ताकतें सिर नहीं उठा सकेगी। उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार केवल जुमलेबाजी से नहीं बल्कि काम से चलती है। रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जो मुख्यमंत्री अपनी एवं अपने उप मुख्यमंत्री की सीटों को ही न बचा पाया हो, वो लोकसभा चुनाव में भला मोदी सरकार को कैसे बचा पायेगा।

 

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