ग़ाज़ीपुर के करंडा थाना क्षेत्र के ब्रह्मानपुरा में 21 अक्टूबर 2017 को पत्रकार और आरएसएस कार्यकर्ता राजेश मिश्रा की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हाइप्रोफाइल हत्याकांड से पूरे देश में ग़ाज़ीपुर पुलिस की किरकिरी हुई थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने पुलिस अधीक्षक पर भरोसा करते हुये उनका ट्रांसफर करने की बजाय उनको बरकरार रखा जिसका परिणाम हुआ कि पुलिस मामले की तह तक पहुची और 6 मामले में वांछित 6 अभियुक्तों में से 4 की गिरफ्तारी पुलिस कर चुकी है, हालांकि मुख्य अभियुक्त राजू यादव अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. 

बदमाशों ने गोली मारकर की हत्या:

आपको बता दें कि ग़ाज़ीपुर के करंडा थाना क्षेत्र के ब्रह्मानपुरा गाँव में 21 अक्टूबर को उस समय सनसनी मच गयी जब पेशे से पत्रकार और आरएसएस कार्यकर्ता राजेश मिश्रा की उनके ही भाई की दुकान पर बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इसमें इनके भाई को भी बदमाशों द्वारा गोली मारी गयी थी, लेकिन वो इस गोली बारी में बच गये थे. वहीँ मामला आरएसएस कार्यकर्ता और पत्रकार से जुड़ा हुआ था और इसलिये पुलिस पर हत्याकांड के खुलासे का काफी दबाव शुरू से ही बना हुआ था.

हत्याकांड में शामिल इनका नाम:

कुछ दिनों पूर्व पुलिस ने हत्याकांड में शामिल तीन अभियुक्तों अजित यादव,सुनील यादव और झनकू यादव को  गिरफ्तार किया था और तीन अभियुक्त पवन यादव,नन्हकू यादव और राजू यादव फरार चल रहे थे. जिसमें से एक पवन यादव को आज करंडा पुलिस ने पचारा मोड़ के पास से गिरफ्तार कर लिया. मुख्य अभियुक्त और गिरोह का सरगना राजू यादव अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है साथ ही उसका एक अन्य साथी भी अभी पुलिस की गिरफ्त में नही आया है.

पुलिस की गिरफ्त से बाहर राजू:

बता दें कि इस गिरोह का सरगना राजू यादव भी ग़ाज़ीपुर के करंडा थाना क्षेत्र का ही रहने वाला है, लेकिन वो चंदौली जिले में सक्रिय है और अब वो अपने अपराध का विस्तार ग़ाज़ीपुर में भी करना चाह रहा था. राजू यादव गैंग मुख्य रूप अवैध खनन में लिप्त है और वो यहां भी अवैध खनन को अंजाम देना चाह रहा था पर पत्रकार राजेश मिश्रा उसके इस काम मे खबरों के माध्यम से रोड़ा पैदा कर रहे थे जो उनकी हत्या की मुख्य वजह बना. फिलहाल हत्याकांड के 6 में से 4 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं. अब पुलिस मुख्य अभियुक्त राजू यादव की गिरफ्तारी कबतक कर पाती है ये एक बड़ा प्रश्न है.
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