राजधानी के सरोजनीनगर इलाके में स्थित कान्हा उपवन (kanha upvan) में जानवरों के लिए संकट खड़ा हो गया है। बताया जा रहा है कि पिछले पांच महीने से अनुदान ना मिलने के कारण पशुओं के लिए भूसा भी नहीं खरीद पाया जा रहा है।

  • कान्हा उपवन प्रबंधन के अनुसार पशुशाला में पशुओं के खाने के लिए केवल पांच दिन का ही भूसा बचा है।
  • पैसा ना मिलने से भूसा और चोकर उपलब्ध करवाने वाले व्यापारियों ने भी अब उधार में चारा देने से इनकार कर दिया है।
  • इसके चलते और समस्या खड़ी हो गई है।
  • अब देखना यह होगा कि इन पशुओं के लिए चारा कैसे उपलब्ध होगा?

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अतिरिक्त भेजे गए 600 जानवर

  • कान्हा उपवन का संचालन करने वाली संस्था जीवाश्रय के सचिव यतीन्द्र त्रिवेदी ने बताया कि यहां पशुशाला में वैसे भी खाने के चारा नहीं है।
  • वहीं यहां वर्तमान समय में 600 अतिरिक्त पशु भी भेज दिए गए।
  • इसके चलते चारे सहित पशुओं को मिलने वाली अन्य सामग्री में भी दबाव पड़ गया है।
  • उन्होंने बताया कि पिछली 31 जुलाई को प्रमुख सचिव नगर विकास और अन्य अधिकारियों ने एक सप्ताह में दिक्कतें दूर करवाने का आश्वासन दिया था।
  • नगर निगम ने टूट-फूट की मरम्मत तो शुरू करवा दी, लेकिन पशुओं के चारे के रुके हुए अनुदान पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
  • अगर ऐसे में अनुदान नहीं मिला तो अलगे पांच दिनों के बाद (kanha upvan) पशुओं के लिए भूसा ख़त्म हो जायेगा और इसके बाद काफी समस्या का सामना पड़ेगा।

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पांच महीने से नहीं मिला अनुदान

  • यतीन्द्र के अनुसार पशुओं के चारे और चोकर के लिए अनुदान पिछले मार्च महीने से नहीं मिला है।
  • उन्होंने बताया कि जीवाश्रय को पशुओं के चारे और चोकर सहित अन्य काम के लिए हर महीने गौसेवा आयोग ने 19 लाख रुपये अनुदान मिलता है।
  • लेकिन मार्च महीने से अब तक संस्था पर 90 लाख रुपये का उधार हो चुका है।
  • उन्होंने बताया कि कान्हा उपवन की क्षमता 1600 पशुओं की है लेकिन नगर निगम अभियान चलाकर जिन पशुओं को पकड़ता है उन्हें भी यहां छोड़ दिया गया है।
  • अभी हाल में ही यहां नगर निगम ने करीब 650 जानवर छोड़े हैं।
  • इसके चलते यहां क्षमता 2250 पहुंच गई है।
  • उन्होंने बताया कि ऐसे हालत में चारे का दबाव जीवाश्रय पर पद रहा है लेकिन अनुदान ना मिलने से संकट की घड़ी खड़ी हो गई है।

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सीएम ने किया था कान्हा उपवन का निरीक्षण

cm yogi in kanha upvan

  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ पहली बार 31 मार्च को कान्हा उपवन पहुंचे थे।
  • इस गौशाला का काम सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव की संस्था जीवाश्रय देखती है।
  • हालांकि भाजपा की मंत्री इस क्षेत्र की विधायक हैं।
  • योगी के निरीक्षण के दौरान वह भी यहां मौजूद थीं।
  • जीवाश्रय के सचिव ने बताया कि कान्हा उपवन में भूसा और चोकर की दिक्कत के चलते राज्यमंत्री स्वाती सिंह ने सरोजनीनगर में ग्राम समाज की 17 बीघा जमीन चारे के लिए दिलवाई है।
  • इस जमीन पर चरी बोई गई है यहां से हरा चारा जानवरों के लिए लाया जा रहा है।

इस मामले में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, नगर निगम डॉ. अरविंद कुमार राव ने बताया कि प्रशासन को इस बारे  (kanha upvan) में अवगत करवाया जा चुका है। हम पर 90 लाख से अधिक का उधार हो चुका है। मामले में प्रशासनिक अधिकारियों से बात की गई है। एक सप्ताह में लंबित अनुदान जारी करवाने पर सहमति बनी है।

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