कानपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने भले ही कानपुर का विकास न किया हो परंतु अवैध निर्माण कराने वाले माफियाओं से सांठगांठ कर खूब स्वयंभू आर्थिक विकास किया है लेकिन कानपुर विकास प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारियों के इस लूट के खेल से पर्दा उठने जा रहा है.

कानपुर महानगर के मध्य स्थित ज़ोन-1 कैनाल पटरी व्यावसायिक मार्केट को बसाने से पहले कानपुर विकास प्राधिकरण ने नियम तैयार किये थे कि इस मार्केट में आवंटन करने वाले ” बेसमेंट,ग्राउंड सहित प्रथम तल ” तक ही निर्माण कर सकेंगे व्यावसायिक भवनों को एक समान (निर्धारित डिजायन) बनाना होगा. यदि भवनों का निर्माण नियम विरुद्ध हुआ तो स्वतः ही व्यावसायिक भवन का आवंटन निरस्त हो जाएगा. 

अवैध व्यावसायिक भवनों का हो रहा निर्माण

कहते हैं कानपुर विकास प्राधिकरण जो नियम बनाता है उसे सबसे पहले उनके ही मातहत तोड़ने के लिये सफेदपोशों से मिलीभगत कर मोटी रकम डकारते हुये नियमविरुद्ध निर्माण कराने की अवैध मंजूरी प्रदान कर देते है. यह हम यूहीं नहीं कह रहे बल्कि कैमरे में कैद अवैध व्यावसायिक भवनों की तस्वीरें स्वयं बया कर रही हैं. साफ तौर पर देखा जा सकता है कि 625 भवनों में से लगभग 600 भवन मानकों के विपरीत बन चुके है जिनमें से कुछ भवन अब भी निर्माणाधीन है. इस पूरे प्रकरण पर जब हमने केडीए उपाध्यक्ष के. विजियेन्दर पांडियन से बात की तो उन्होंने कहा कि हमें जानकारी नही है उलटे मीडिया से कहा आप लिखित शिकायत कीजिए तब हम कार्यवाई करेंगे.

पहले भी हो चुकी है शिकायतें

केडीए एम्प्लाइज यूनियन के अध्यक्ष ने बताया इस मामले में पहले भी शिकायतें हो चुकी है ,केडीए के सभी अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत से खेल चल रहा है. अधिकारियों और कर्मचारियों का एक गैंग सभी को मैनेज करके रखता है और केडीए उपाध्यक्ष की भी मिलीभगत रहती है. इन सभी भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों ने शहर को बर्बाद कर दिया है.

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