देश के सबसे महत्वपूर्ण कानपुर प्राणी उधान का भविष्य उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों के चलते संकट में है. प्राणी उधान की दीवार से कानपुर विकास प्राधिकरण जोर शोर से इमारतों का निर्माण करवा रहा है. दिन रात हो रहे काम से प्राणी उधान के जानवर बीमार और खूंखार हो रहे है जिससे उनका स्वास तंत्र खराब हो रहा है.

निर्माण कार्य के चलते कानपुर ज़ू के जानवर हो रहे बीमा-

  • कानपुर प्राणी उधान हमेशा से वन्य जीवो को प्रकृति का आनंद देता रहा है.
  • यही कारण है कि प्राणी उधान में कई जानवरो के ब्रीडिंग सेंटर बनाये गए है.
  • लेकिन प्रदेश सरकारी नीतियों के कारण अब शायद ही इसका भविष्य सुरक्षित रहे.
  • कारण है प्राणी उधान के बगल में बनने वाली कानपुर विकास प्राधिकरण की सिग्नेचर सिटी की ईमारत.
  • ईमारत में चल रहे काम से जानवर परेशान होकर पिंजरे में टक्कर मारकर खुद को घायल कर रहे है.
  • प्राणी उधान के डॉक्टर के अनुसार धूल और शोर से जानवरो को अस्थमा हो रहा है और जानवरो में पागलपन तक के लक्षण दिखाई देने लगे है.
  • प्राणी उधान के सर्जन और डॉक्टर कानपुर विकास प्राधिकरण की इस दौड़ को लेकर काफी चिंतित हैं.
  • इनका मानना है कि यह सब अगर ऐसे ही चलता रहा तो कानपुर प्राणी उधान के जानवरो के साथ साथ इसका प्राकृतिक वातावरण भी समाप्त हो जायेगा.
  • सर्जन डॉ मोहम्मद नासिर ने बताया की जानवरो के आपरेशन में उनके शरीर से सीमेंट और धूल के कण भारी मात्रा में मिल रहे है.
  • ज़ू के निर्देशक दीपक कुमार की माने तो प्राणी उधान प्रशासन ने इस बावत कानपुर विकास प्राधिकरण को कई बार पत्र लिखर अवगत कराया है.
  • लेकिन पैसे कमाने की होड़ में जानवरो की समस्या पर किसी तरह का कोई आश्वासन तक नहीं मिला.

ये है ज़ू के जानवरों का हाल-

  • प्राणी उधान के शेर ने शोर से परेशान होकर जंगले में सर मार मारकर खुद को घायल कर लिया.
  • जबकि प्राणी उधान की लोमड़ी पागलो जैसी हरकते करने लगी है.
  • यहाँ के गेंडे ने प्रजनन करना बंद कर दिया तो वहीँ दूसरे जानवरो में भी सांस की समस्या पैदा हो रही है.
  • हालाँकि इन सब समस्याओ के बीच यही कहा जा सकता है कि जब सरकारों और अधिकारियो को इंसान की फ़िक्र नहीं तो इन बेजुबानो के लिये उम्मीद लगाना बेमानी होगा.

 

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें