कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। कुंवारी लड़कियां अच्छे वर के लिए व्रत रखती हैं। करवा चौथ शनिवार 27 अक्टूबर 2018 को है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखने के बाद चांद को अर्घ्य देकर व्रत खोलने की परंपरा निभाती हैं। इस दिन रखा जाने वाला व्रत निर्जला होता है। महिलाएं चांद देखने तक जल भी नहीं ग्रहण करतीं। इस दिन बनाया जानाे वाला भोजन भी विशिष्ट होता है। इस बार करवा चौथ पूजा का मुहूर्त 17:40 से 18:47 तक मना गया है। उत्तर प्रदेश और राजस्थान में इस दिन गौर माता की पूजा की जाती है। उनकी प्रतिमा गाय के गोबर से तैयार की जाती है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]करवा चौथ का चंद्रोदय 19:55 बजे [/penci_blockquote]
ज्योतिर्विद उमेश शास्त्री के मुताबिक इस बार करवा चौथ का मुहूर्त 17:40 से 18:47 बजे तक है। चांद की पूजा करने के लिए महिलाओं को करीब 1 घंटे 7 मिनट का समय मिलेगा। ज्योतिषीय गणना के हिसाब से करवा चौथ के चंद्रोदय समय 19:55 बजे है। उन्होंने बताया कि यह पर्व उत्तर भारत के करीब-करीब सभी राज्यों में मनाया जाता है। पंजाब में इस त्योहार की शुरुआत सरगी के साथ होती है। सरगी सास तैयार करती हैं। उसे ही खाकर बहू करवा चौथ का व्रत रखती है। शाम को 16 श्रृंगार कर के शुभ मुहूर्त में पूजा करती हैं। करवा चौथ की कथा सुनती हैं। इस पूजा को समूह में सम्पन्न किया जाता है। महिलाएं एक दूसरे को अपनी पूजा की थाली देती हैं घेरा पूरा करती हैं।

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