बीजेपी ने किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की. इसके साथ ही यूपी की योगी सरकार अपनी पीठ थपथपाते हुए खुद को किसानों का सबसे बड़ा हितैषी करार दिया था. साथ ही किसानों की ऋण माफ़ी का प्रमाण पत्र भी वितरित करने का कार्यक्रम शुरू हो गया.ऋण मोचन योजना के नाम से किसानों को कर्ज माफ़ी के प्रमाण पत्र वितरित किये जाने लगे. लेकिन प्रमाण पत्र में जो कुछ सामने आया है उसके बाद योगी सरकार की किरकिरी होने लगी. इसके बाद सरकार ने तुरंत सम्बंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि इसकी जाँच कराकर पुन: उन किसानों को बैंक से प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाये.

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नियमों का दे रही है सरकार हवाला:

  • प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी द्वारा साझा की गई प्रेस विज्ञप्ति में उक्त जानकारी दी गई है.
  • सरकार द्वारा जारी प्रेस रिलीज़ में कहा गया है कि प्रथम चरण में 1193224 किसानों के खाते में मोचित राशि अंतरित कर दी गई है.
  • हालाँकि इस आंकड़े में भी अंतर दिखाई दे रहा है.
  • सरकार ने जो राशि अंतरित की है , मूल्य-वर्ग में जानकारी भी साझा की है.
  • वहीँ कई मामलों में राशि अत्यंत ही कम होने के मामले में भी सरकार अपना रुख स्पष्ट किया है.
  • ऋणी किसानों द्वारा ऋण के प्रतिभुगतान की गई राशि को घटाने के बाद अवशेष व्याज का एक लाख की सीमा तक मोचन नियमानुसार किया गया है.
  • सरकार ने कहा है कि इन्हीं मानदंडों के कारण कुछ मामलों में राशि बेहद कम दिखाई दे रही है.
  • बता कि कई किसानों को 9 पैसे तक का ऋण मोचन प्रमाण पत्र मिला है.
  • वहीँ 84 पैसे, एक रूपये, 3 रूपये और 10 रूपये तक के प्रमाण पत्र बांटकर मंत्रियों ने फोटो खिंचाई है.
  • साथ ही ये भी बता दें कि http://upkisankarjrahat.upsdc.gov.in पर ऋण मोचन सम्बंधित कोई आंकड़ा नहीं जारी हुआ है.
  • ना ही कोई इसको लेकर अपडेट वेबसाइट पर मौजूद है.
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