उत्तर प्रदेश के कासगंज जिला में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा के दौरान हिंसा में चंदन अभिषेक पुत्र सुशील गुप्ता निवासी साहब वाला पेच की हत्या के मामले में शनिवार को मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। परिजन पहले तो अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं थे लेकिन कड़ी सुरक्षा के बीच जब स्थानीय सांसद ने सीएम योगी से परिजनों की बात करवाई इसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं फायरिंग में गोली लगने से घायल नौशाद का इलाज अलीगढ़ में चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। फोन पर हुई बातचीत के दौरान सीएम योगी ने कहा कि उनकी संवेदना परिवार के साथ है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा।

चार जिलों की पुलिस फिर भी हालत पर कंट्रोल

युवक के अंतिम संस्कार के बाद कासगंज में जैसे ही धारा 144 हटाई गई वैसे ही फिर से हिंसा भड़क गई। यहां मथुरा-बरेली हाइवे पर उपद्रवियों ने कई रोडवेज की बसों और ट्रकों में आग लगा दी।बताया जा रहा है कि उपद्रवी पेट्रोल बम लेकर घूम रहे हैं। पेट्रोल बम से ही आगजनी की गई। उपद्रवियों ने सड़क पर वाहनों में जमकर तोड़फोड़ की। लोगों में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश है। लेकिन कासगंज के जिलाधिकारी और एसपी जिले में कानून-व्यवस्था को कायम करने में नाकाम साबित हो रहा है। कासगंज में इस समय मथुरा, अलीगढ, हाथरस, एटा, जिला की पुलिस और आरएएफ, सीआरपीएफ, पीएसी भी तैनात है लेकिन स्थिति पर कंट्रोल नहीं हो रहा है। आक्रोशित लोगों का कहना है कि लखनऊ से एक भी आला अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है।

तिरंगा यात्रा के दौरान भड़की थी हिंसा

उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस के मौक़े पर शुक्रवार को निकाली जा रही तिरंगा यात्रा के दौरान हुई एक झड़प ने हिंसक रुप ले लिया था। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद कुमार के मुताबिक इस घटना के बाद करीब दो दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है और कासगंज में क़र्फ्यू लगा दिया गया है। पुलिस के हवाले आई रिपोर्टों के मुताबिक हिंसा में एक युवक की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए। अलीगढ़ मंडल के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) संजीव गुप्ता ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर रैली निकालते समय कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। आसपास के जिलों से फोर्स मंगायी गयी है। उन्होंने बताया कि नगर में कर्फ्यू लगा दिया गया।  बता दें कि 1993 में भी यहां एक छोटी सी झड़प ने सांप्रदायिक दंगे का रूप ले लिया था और बाद में इसी वजह से राज्य के दूसरे हिस्सों में भी दंगे हुए थे। मुख्यमंत्री ने भी घटना की निंदा की करते हुए अधिकारियों को स्थिति पर नज़र रखने के निर्देश दिए हैं।

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