शिव की नगरी काशी हमेशा आतकियों के निशाने पर रहती हैं। ऐसे में काशी विश्वनाथ मंदिर से महज कुछ दूरी पर धरती के नीचे गुपचुप तरीके से ‘मिनी शहर’ बस गया है। जिले के  दालमंडी इलाके में धरती के नीचे बस रहे शहर का हैरतंगेज खुलासा उस वक्त हुआ जब सोमवार की आधी रात के बाद एसएसपी आरके भारद्वाज गश्त पर निकले।

इस दौरान कप्तान ने लोकल पुलिस की क्लास ली और अतिशीघ्र पूरे इलाके की रिपोर्ट तैयार करने को कहा।

हमेशा से आतंकी निशाने पर अतिसंवेदनशील क्षेत्र में काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप धरती के नीचे दिन-रात काम लगा था

और विकास प्राधिकरण, नगर निगम समेत जिला प्रशासन व पुलिस महकमे को भनक तक नहीं लगी।

गश्त के दौरान हुआ खुलासा

काशी विश्वनाथ मंदिर अति संवेदनशील इलाका है।

लेकिन मंदिर से महज कुछ दूरी पर धरती के नीचे गुपचुप तरीके से ‘मिनी शहर’ बस गया है।

दरअसल हुआ यूं कि एसएसपी दालमंडी इलाके से अतिक्रमण हटाने के बाबत पूर्व में दिए निर्देश के क्रम में निरीक्षण के लिए निकले।

चौक थाने के बगल से दालमंडी में प्रवेश करने पर लंगड़ा हाफिज मस्जिद के सामने एक कटरे के बेसमेंट में रोशनी दिखाई दी।

पता चला कि बेसमेंट में काम चल रहा है।

पुराने मकान में बेसमेंट के निर्माण की बात पता चलने पर पार्किंग की व्यवस्था देखने के लिए उत्सुकतावस एसएसपी कटरे में प्रवेश किए। कप्तान के साथ ही चौक पुलिस भी हैरान रह गई।

क्योंकि कटरे का मुहाना दालमंडी से शुरू हुआ और बेनिया पार्क की तरफ जाने वाले मार्ग पर जाकर समाप्त हुआ।

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मिनी शहर में तब्दील किया जा रहा था सुरंग

एसएसपी बेसमेंट में घुसे और अंदर का नजारा देखकर दंग रह गए।

बेसमेंट में लगभग 40 बिस्वा में अंदर एक के बाद एक कई कटरे बने थे। इसके बाद एसएसपी ने आसपास के अन्य कटरों की छानबीन शुरू की।

जैसे-जैसे पड़ताल बढ़ती गई पुलिस की हैरानी भी बढ़ती गई।

वहां मौजूद दर्जनों कटरे के नीचे एक नया बाजार बनाया जा रहा है।

आलम यह कि मस्जिद के आसपास भी खोदाई कर बेसमेंट में कटरा बनाया जा रहा था।

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जिला प्रशासन को नहीं था मामले की जानकारी

हमेशा से आतंकी निशाने पर अतिसंवेदनशील क्षेत्र में काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप धरती

के नीचे दिन-रात काम लगा था और विकास प्राधिकरण, नगर निगम समेत जिला प्रशासन

और पुलिस महकमे को भनक तक नहीं लगी।

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पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में खुफिया तंत्र की विफलता भी सामने आई है। खास बात ये है

कि वहां मौजूद उसके मालिक ने डंके की चोट पर कहा कि ये अवैध नहीं है।

हालांकि ये भी कहा कि किसी का परमिशन भी नहीं है।

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