भाजपा ने लोकसभा उपचुनाव के लिए फूलपुर सीट से कौशलेन्द्र सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है। बीएचयू से एमकाम की पढ़ाई करने वाले कौशलेन्द्र को संघ का आर्शीवाद प्राप्त है। इससे पहले कौशलेन्द्र भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर वाराणसी के मेयर भी रह चुके है। मेयर बनने के बाद इन्होंने अवैध बुचड़खाने बंद करवा दिया था, जिसके बाद ये संघ की नजर में आ गए थे।

बताते चलें कि कौशलेन्द्र सिंह का जन्म मिर्जापुर जिले में 1975 हुआ था। इन्होंने बीएचयू से बीकाॅम की की डिग्री हासिल किया है। पढ़ाई के दौरान ये संघ से जुड गए। कौशलेंद्र सिंह 2006 से 2012 तक वाराणसी के मेयर रहे है। कौशलेंद्र सिंह ने मेयर बनने के बाद वाराणसी में कई सारे महत्वपूर्ण कार्य किए है। मेयर के रूप में जो महत्वपूर्ण काम किये उसमें वाराणसी में अवैध बूचड़ खानों को बंद करने की पहल की थी। इनसे पहले या बाद भी किसी मेयर ने इस विषय पर बोलना भी उचित नही समझा था। बूचड़ खाने को बंद करने की पहल से ये संघ के नजरों में आये थे। बीते लोकसभा चुनाव में इन्हें मिर्जापुर से टिकट मिलना तय था लेकिन भाजपा के गठबंधन हो जाने के कारण वो सीट अपना दल के प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल को दे दिया गया। बताया जा रहा है कि कुर्मी बिरादरी में कौशलेन्द्र की अच्छी पकड़ है और यह एक स्वच्छ छवि के व्यक्ति है।

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संघ से जुडे़ है कौशलेन्द्र

बता दें कि कौशलेन्द्र का जन्म मिर्जापुर में हुआ था तथा यह वाराणसी के मेयर भी रह चुके है। कौशलेन्द्र एक स्वच्छ छवि वाले व्यक्ति हैं तथा इनकी पकड़ कुर्मी बिरादरी में बहुत ही अच्छी है। 2006 से 2012 के बीच मेयर रहने के दौरान इन्होंने वाराणसी में अवैध बूचड़ खानों को बंद करने की पहल की थी। इनसे पहले या बाद भी किसी मेयर ने इस विषय पर बोलना भी उचित नही समझा था। बूचड़ खाने को बंद करने की पहल से ये संघ के नजरों में आये थे। कौषलेन्द्र बीएचयू से एमकाॅम की पढाई का चुके हैं तथा उसी समय से संघ से जुडे़ हुए है।

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