इस समय हनीप्रीत के अंडरग्राउंड (Kavi sammelan) होने के बाद कवि भी अपनी कविताओं में डेरा प्रमुख गुरुमीत रामरहीम की राजदार हनीप्रीत का नाम लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं। ऐसा ही एक नजारा लखीमपुर खीरी जिले के जंगबहादुरगंज में सुविख्यात साहित्यकार डॉक्टर राजकुमार शर्मा की पावन स्मृति पर पसगवां प्रेस क्लब द्वारा आयोजित विराट कवि सम्मेलन में देखने को मिला।

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  • वरिष्ठ कवि सतीश शुक्ला की अध्यक्षता में क्षेत्रीय सांसद रेखा अरुण वर्मा व विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह ने माँ शारदे की पूजन व दीपप्रज्वलन तथा कवि अतुल मिश्र ‘मधुकर’ द्वारा सरस्वती बंदना के साथ व्यंग्यकार श्रीकांत सिंह के संचालन में देर रात तक चले कवि सम्मेलन में श्रोताओं ने विभिन्न विधाओं के कवियों के काव्यपाठ का आनन्द लिया।
  • वहीं डेरा सच्चा (Kavi sammelan) सौदा के मामले पर लोगों ने खूब ठहाके भी लगाए।

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ओज कवि देवेश तिवारी ने पढ़ा-
खेल खाल कर तोड़-फोड़ भारतीय, तुम चीनी, सिर्फ चीनी मिट्टी के खिलौने हो।

वरिष्ठ कवि केदारनाथ शुक्ला ने पढ़ा-
कुछ जबरन, कुछ पैसे देकर ले लेते ऐसे क्रेता थे, भय उनको नही किसी का था, सब खद्दरधारी नेता थे।

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कवि अमरेंद्र सिंह चौहान ने पढ़ा-
यौ मोबाइल के माध्यम ते, पत्नी पति का भरौमौती है,
है औरों कछु पूछेव जैसे तौ औरों और बतौती है।

कवियत्री माधुरी शुक्ला ने पढ़ा-
पाक चीन चाहे जितनी ही चाल चल डाले,
कश्मीर को कभी छीन नही पाएगा।

कवियत्री अपर्णा सिंह सरगम ने पढ़ा-
जो तपा कर्म की वेदी पर, वह कुंदन बन जाता है,
यही विधि का विधान है, जीवन की परिभाषा है।

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डॉक्टर रामकिशोर वर्मा ने पढ़ा-
कइसेई हनीप्रीत बिलेमान होई गयी, धरती मा घुसि गयी कि आसमान खोई गई,
बाबा है परेशान खान पान छुटिगा, लागत है हनीप्रीत अंतर्ध्यान हुई गयी।

शैलेन्द्र सिंह ‘मृदु’ ने पढ़ा-
अस्मिता पर कभी आंच आये नहीं,
देश हित मे भले प्राण का दान हो।

रामबाबू शुक्ला ने पढ़ा-
समय पड़ा तो बच्चा अभिमन्यु होता है,
धरती में तब बीज नही वी तलवारे वोता है।

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रामलड़ैते श्रीवास ने पढ़ा-
हांथो में जिनके चाहिए कागज, कलम दवात, बंदूक की नली है यहाँ हो रहा है क्या?

अतुल मिश्र मधुकर ने पढ़ा-
जगके पन्नो पर भारत का गौरव गान कहाँ होगा, हिंदी नही रहेगी तो फिर हिंदुस्तान कहाँ होगा।

अरविंद कुमार ने पढ़ा-
थालियां खूब सजी होटलों में है लेकिन, मां तेरे हाँथ की खुरचन से पेट भरता है।

सुनीत बाजपेई ने पढ़ा-
शब्द शून्य पाता हूं खुद को, करता जब इसका गुणगान,
हिंदी से ही जाना जाता सारे जग में हिंदुस्तान।

इस दौरान प्रेस क्लब अध्यक्ष बृज कुमार सिंह व महामंत्री आशीष शुक्ला द्वारा सांसद रेखा अरुण वर्मा, विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह व गन्ना विकास परिषद के अध्यक्ष सर्वेश सिंह को सम्मानित भी किया गया।

कार्यक्रम के दौरान स्वतंत्र गुप्ता, सुमन, विश्वम्भरनाथ, अशोक सिंह, कुलदीप सिंह, अनिल सिंह, कौशलेंद्र वर्मा, इंद्रपाल, गोपाल कश्यप, आशीष पांडे, नीरज पांडे, अशोक शुक्ला आदि लोग मौजूद रहे।

इसके अलावा वरिष्ठ साहित्यकार रामशंकर सिंह, पवनपाल, पीयूष अग्निहोत्री, अभिजीत राजुल आदि ने भी काव्यपाठ किया।

पसगवां प्रेस क्लब की ओर से (Kavi sammelan) डॉक्टर ओमकार सक्सेना ने सभी का आभार ज्ञापित किया।

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