उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में किंग जार्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय के वीसी प्रो. रविकांत के आदेश पर केजीएमयू प्रशासन ने 150 साल पुराने वाल्मीकि मंदिर पर बुलडोजर चलवा दिया। वि.वि. प्रशासन के इस रवयै से स्थानीय लोगों में नाराजगी है, और गुस्साये लोगों ने जिला प्रशासन और केजीएमयू के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लखनऊ जिलाधिकारी राजशेखर के सरकारी आवास पर उन्हें ज्ञापन सौंपा।

केजीएमयू के पीछे नजूल की जमीन पर लगभग 150 साल पुराना बाल्मीकि का मंदिर स्थापित था। बताया जा रहा है कि मंदिर का निर्माण 90 साल की के साथ हुआ है। वाल्मीकि मंदिर में महर्षि वालमीकि के अलावा भी कई देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित हैं। यह मंदिर लोगों की आस्था का केन्द्र है, यहां सैकड़ो लोग पूजा करने के लिए रोजाना आते थे। पर जिला प्रसाशन की मदद से इस मंदिर को तोड़ दिया गया।

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चौक स्थित इस मंदिर के तोड़े जाने पर स्थानीय लोगों में आक्रोश है, और उनका कहना है कि केजीएमू ने वीसी के कहने पर पुलिस के साथ मिल कर इन लोगों के साथ अभद्र व्यहार किया है। इस घटना के बाद से ही केजीएमयू के वीसी से संर्पक नहीं हो पा रहा है।

वहीं केजीएमयू के एक अधिकारी का कहना है कि कई लोगों ने अस्पताल की जमीन पर गैरकानूनी तौर पर कब्जा कर रखा है। क्वीन मेरी अस्पताल में जगह की कमी है, और इसके विस्तार के लिए सरकार की तरफ से बहुत पहले ही आवंटन हो चुका था लेकिन अस्पताल की जमीन पर अतिक्रमण के कारण नया निर्माण नहीं हो पा रहा था।

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