लखनऊ किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में तैनात डॉक्टरों के प्रमोशन की अब जांच होगी।अधिकारियो के चहेते चिकित्सको को शार्ट टर्म में ही एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर बना दिया था आरोप है कि एमसीआई के नियमों को दरकिनार कर हुए प्रमोशन से चिकित्सकों ने बढ़ा वेतन लेकर सरकार को करोड़ों का चूना लगाया। एक सामाजिक संगठन द्वारा प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री राज्यपाल व एमसीआई को पत्र लिखकर चिकित्सकों की भर्ती व पदोन्नति में हुई गड़बड़ी की शिकायत की गई थी। इसके बाद kgmu के कुलपति ने जांच के आदेश भी दिए।

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एमसीआई के नियमों की हुई अनदेखी

  • किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में डॉक्टर्स के लगातार बिना किसी नियम कानून के प्रमोशन किये गए।
  • जिसके शिकायत पिछले दिनों प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी की गयी।
  • जिसके बाद kgmu के कुलपति ने जांच के आदेश दिए थे।
  • जानकारी के मुताबिक 55 डॉक्टर्स की नियुक्ति व पदोन्नति में गड़बड़ी की शिकायत की गयी थी।
  • ऐसा कहा गया था की डॉक्टर्स को बिना नियम पूरे किये ही पदोन्नत कर दिया गया था।
  • जबकि एमसीआई के नियमानुसार असिस्टेंट प्रोफेसर पर चार वर्ष काम करने के बाद ही               एसोसिएट प्रोफेसर के योग्य माना जाता है।

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  • डॉक्टर्स की मांग है की बिना योग्यता के वेतन बढ़ाने के कारनामों की जांच की जाये।
  • बिना योग्यता के सीधे 50 हज़ार वेतन बढ़ा देना कही से उचित नहीं है।
  • आपको बता दें कि एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर प्रमोशन के लिए शोध पत्र का टारगेट भी पूरा करना होता है।
  • बावजूद इसके दोनों हे नियमों को दरकिनार कर डॉक्टर्स का प्रमोशन कर दिया गया।
  • फिलहाल अब एक बार फिर से ये मुद्दा उठने के बाद उम्मीद है की नियमों की अनदेखी कर ऐसा करने वालों पर गाज गिर सकती है।

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