केजीएमयू के लारी कॉर्डियोलॉजी सेंटर में दिल के मरीजों को 3डी ईको और ट्रेड मिल टेस्ट के लिए तीन महीने तक की वेटिंग मिल रही है। जांच में इस देर का असर मरीजों के इलाज पर पड़ रहा है।ऐसे में कुछ मरीज मोटी रकम खर्च कर निजी लैब में जांच कराने को मजबूर हैं।

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डॉक्टरों की कमी बनी समस्या

  • लारी की ओपीडी में रोजाना करीब 500 मरीज इलाज के लिए आते हैं।
  • यहां सुबह से ही मरीजों की भीड़ लगी रहती है।
  • ओपीडी में ही इलाज के लिए मरीजों को दो से तीन घंटे इंतजार करना पड़ता है।
  • इसके बाद जांच की बारी आने पर दो से तीन महीने की वेटिंग दे दी जाती है।
  • अक्सर दिल में दर्द, धड़कन तेज चलने, सांस फूलने वाले मरीजों को डॉक्टर जांच की सलाह देते हैं।

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  • ऐसे में उन्हें ट्रेड मिल टेस्ट और 3डी ईको करवाना होता है।
  • लेकिन, मरीजों को जांच के लिए तीन महीने तक की वेटिंग मिल जाती है।
  • एक ही मशीन चलने से समय पर आने के बावजूद मरीजों को जांच के लिए दो घंटे इंतजार करना पड़ता है।
  • यही हाल यहाँ पर होने वाले ट्रेड मिल टेस्ट का भी रहता है।
  • रेजिडेंट की कमी के कारण मरीजों को इस जांच के लिए भी दिसंबर तक की तारीख दी जा रही है।
  • आपको बता दें कि लारी में रेजिडेंट डॉक्टरों के 24 पद हैं लेकिन, मौजूदा समय में यहां सिर्फ 16 रेजिडेंट डॉक्टर हैं।
  • लारी में दो आईसीयू हैं। भूतल पर बनी 19 बेड की आईसीयू में 24 घंटे तीन रेजिडेंट डयूटी पर रहते हैं।
  • दूसरी मंजिल पर बनी 15 बेड के आईसीयू में एक रेजिडेंट की डयूटी रहती है।
  • जबकि, यहां पर भर्ती गंभीर मरीजों की देखरेख के लिए हर शिफ्ट में पांच रेजिडेंट होने चाहिए।

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