रोज की तरह शनिवार को भी (kgmu lucknow) हजारों तीमारदार ट्रामा सेंटर में मरीजों को दिखाने पहुंचे थे। शाम को खूब चहल पहल थी। केजीएमयू के अंदर डाक्टर मरीजों के इलाज में व्यस्त थे वहीं बाहर सायरन बजातीं एंबुलेंस की आवाजाही लगी थी।

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  • कहीं मरीजों का स्ट्रेचर पर कराहना तो इलाज के लिए डाक्टर के आगे हाथ जोड़कर गुहार लगाते परिजन दिख रहे थे।
  • इसी बीच सवा सात बजे अचानक ट्रामा सेंटर में हलचल सी मचने लगी।
  • इस बीच छत से किसी ने धुआं उठता देखा तो हर कोई आग-आग चिल्लाने लगा।
  • कोई अपने बच्चे को लेकर भागा तो किसी ने चादर में ही पिता को लपेट लिया और भाग खड़ा हुआ।

तस्वीरें: ट्रॉमा में शो पीस बने लगे आग वाले के उपकरण!

हर तरफ थी शोर और दहशत

  • अलीगंज निवासी (kgmu lucknow) शांति तिवारी अपनी मां को देखने आई थीं।
  • वह दूसरी मंजिल पर ही थीं कि धुआं बढ़ता देख नीचे की ओर भागीं।
  • नीचे गार्ड को बताया तब तक हर तरफ शोर और दहशत का आलम था।
  • वैसे ही ट्रामा सेंटर का नाम सुनकर शरीर में सिहरन सी दौड़ जाती है और ऐसे में आग की लपटें दिखे फिर मंजर की कल्पना करना आसान नही है।

ट्रॉमा में मरीजों और तीमारदारों को सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दिया खाना!

  • गंभीर रूप से बीमार लोगों को जीवनदान देने वाला ट्रामा सेंटर आग की लपटों के बीच काल की तरह नजर आ रहा था।
  • जिंदगी बचाने की होड़ में जहां मरीज के एक-एक बिस्तर के लिए लड़ाई लड़ी जाती है, वहां से लोग बाहर निकलने के लिए जान की बाजी लगाते दिखे।
  • आग की लपटें दूसरी मंजिल से आगे की ओर बढ़ रहीं थी तो अंदर मरीजों के इलाज में जुटे स्टाफ और डाक्टरों ने भी अपनी जान बचाना मुनासिब समझा।

वीडियो ट्रॉमा सेंटर में आग: शताब्दी में शिफ्ट किये गए मरीज!

डाक्टरों को टांका तक लगाने का नहीं मिला मौका

  • दशहत और खौफ के (kgmu lucknow) आलम में डाक्टरों को ओटी में बलरामपुर की सुनीता का आपरेशन भी अधूरा छोड़ना पड़ा।
  • सुनीता के पेट में चीरा लगा था, लेकिन डाक्टरों को टांका तक लगाने का मौका नहीं मिला।
  • कोई अपने बच्चों को सीने से लगाए भागा तो किसी ने चादर में ही पिता को लपेट लिया।
  • जिंदगी की जंग लड़ रहे लोगों को आग ने ऐसा भयानक मंजर दिखाया जिसकी कल्पना शायद ही की हो।
  • जैसे-जैसे खबरिया चैनलों में आग की खबर फैल रही थी वीआइपी की आमद भी बढ़ती जा रही थी।
  • फैजाबाद से अपने भाई का इलाज कराने ट्रामा सेंटर आए निहाल का सवाल था कि आखिर हम कहां सुरक्षित हैं?
  • बम मिल रहा है तो कहीं आग।
  • कहां जाएं हम किससे गुहार करें?
  • निहाल की तरह सबकी आखों में आंसू और अपनों की फिक्र थी लेकिन इसके जिम्मेदारों के लिए यह भी महज एक एक्सीडेंट था जिसकी फाइल अलमारी में एक दिन धूल खाती नजर आएगी।

वीडियो: केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में लगी भीषण आग, मची अफरा-तफरी!

ट्रॉमा के अग्निशमन उपकरण फेल

  • गौरतलब है कि राजधानी के चौक इलाके में स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर के द्वितीय तल पर अज्ञात कारणों से शनिवार शाम को भीषण आग लग जाने से हड़कंप मच गया।
  • आग देखते ही प्रथम तल में मौजूद मरीज व उनके तीमारदार बाहर भाग निकले।
  • हालांकि अस्पताल द्वारा आनन-फानन मे अस्पताल के अन्दर लगे फायर उपकरणों द्वारा आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया लेकिन उपकरण फेल हुए।

आग लगते ही तीमारदार मरीजों को लेकर भागे

  • आग लगते ही लपटे, धुआं फैलने लगा तो उसे देखकर उसी मंजिल में जनरल व प्राईवेट वार्ड मे भर्ती मरीज व उनके तीमारदार भागने लगे।
  • इस दौरान जो भी वार्ड में स्टाफ और कर्मी मौजूद थे।
  • वह भी अपनी अपनी जान बचाकर अस्पताल के बाहर आ गये।
  • मरीजों को बचाने के ल‌िए आनन-फानन में सड़क पर ल‌िटाया गया।
  • वहीं कुछ मरीजों को पागलखाने और लारी में ल‌‌िटा द‌िया गया।
  • इस दौरान पूरी शहमीना शाह रोड बंद कर दी गई।
  • पुलिस ने आग लगने की वजह से यातायात को भी डायवर्ट कर दिया।
  • आग लगने की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी कौशल राज और एसएसपी दीपक कुमार, केजीएमयू के वीसी और कानून एवं न्याय मंत्री (कैबिनेट मंत्री) ब्रजेश पाठक मौके पर पहुंचे और जानकारी ली।
  • वहीं केजीएमयू के सीएमएस एसएन शंखवार ने बताया कि आग शार्ट सर्किट से लगी।
  • अग्निशमन और पुलिस की टीम के साथ रेजिडेंट डॉक्टरों की टीम राहत और बचाव कार्य में देर रात तक जुटे रहे।
  • इस पूरी घटना की सीएम आदित्यनाथ योगी ने 3 दिन के अंदर जांच के आदेश दिए।
  • सीएम ने (kgmu lucknow) लापरवाह अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

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