केजीएमयू प्रशासन ने रैगिंग को लेकर सख्ती दिखायी तो उससे अलग सीनियर छात्रों ने अपने जूनियर की रैगिंग करने का बिल्कुल नायाब तरीका खोज लिया। अब सीनियर छात्र बिना सामने जाए केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही जूनियर छात्रों की रैगिंग करने में जुट गये है।जिसका खुलासा होने के बाद दोषी सीनियर छात्रों के हॉस्टल का आवंटन रद्द कर दिया गया है।

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एंटी रैगिंग सेल का भी नहीं खौफ

  • रात करीब दो बजे फोन की घंटी बजते ही 2017 बैच के जूनियर छात्र चौंक गये।
  • घबराहट में उन्होंने फोन उठाया लेकिन दूसरी तरफ मौजूद व्यक्ति की आवाज सुनकर उनके होश गये।
  • कुछ ही देर में जूनियर छात्र को यह समझ आ गया कि ये फोन किसी सीनियर छात्र का है।
  • सीनियर छात्र ने जूनियर से फोन के सामने मुर्गा बनने को कहा।
  • साथ ही छोटे बाल कटवाने और झुककर सलाम करने आदि का भी आदेश  दिया।
  • जूनियर छात्रों की रैगिंग का ये सिलसिला करीब सप्ताह भर से चल रहा है।
  • दरअसल नये बैच के छात्रों को न्यू सीवी हॉस्टल में रखा गया है।
  • जबकि सीनियर छात्रों को टीजी हॉस्टल में रखा गया है।

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  • बावजूद इसके फोन के माध्यम से ही सीनियर बीते कई दिनों से जूनियर छात्रों की रैगिंग कर रहे हैं।
  • आपको बता दें कि केजीएमयू प्रशासन ने रैगिंग को रोकने के लिए एंटी रैगिंग सेल बनाया है।
  • बावजूद इसके सीनियर छात्र जूनियर बैच के छात्रों की रैगिग करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
  • हालांकि डरे सहमे एमबीबीएस छात्रों ने अपनी आपबीती अभिभावकों को भी बतायी।
  • परिवारीजनों ने हॉस्टर प्रभारी को मामले से अवगत कराते हुए सीनियर छात्रों पर कार्यवाही की मांग की है।
  • केजीएमयू प्रशासन ने भी तुरंत कार्यवाही करते हुए दोषी दोनों सीनियर छात्रों के हॉस्टल का आवंटन रद्द कर दिया है।
  • साथ ही एंटी रैगिंग सेल को पूरे मामले की जांच के आदेश दिये गए है।
  • छात्रों ने जिन मोबाइल नंबरों से धमकी दिए जाने की जानकारी दी थी वो दोनों छात्र एमबीबीएस 2016 बैच के छात्र है।
  • जनकारी के मुताबिक जूनियर छात्रों को 11 बार फोन कर धमकाया गया।

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