किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में कैंसर और ब्रेन स्ट्रोक का इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। यहां पर मरीजों को अब और अत्याधुनिक इलाज मिल सकेगा। मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए संस्थान के शताब्दी फेज-वन के रेडियोडायग्नोसिस विभाग में लैट पैनल सी आर्म मशीन शुरू हो गई है। जिससे कैंसर पीडि़त मरीजों के इलाज में काफी सहूलियत मिलेगी।

बेहतर हो सकेगा इलाज

  • केजीएमयू में ब्रेन स्ट्रोक्स के मरीजों के मस्तिष्क में जमे थक्के को आसानी से निकालने के लिए मशीन लगायी गयी है।
  • इसके अलावा ट्रॉमा सेंटर के रेडियोडायग्नोसिस विभाग में डिजिटल रेडियोग्राफी मशीन भी चालू हो गई है।
  • जिससे मरीजों को एक्सरे कराने में अब सहूलियत मिलेगी।
  • डिजिटल रेडियोग्राफी मशीन ट्रॉमा सेंटर में एक निजी कंपनी के कॉर्पोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी बजट से लगी है।
  • केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एसएन शंखवार ने इस बारे में जानकारी दी।
  • उन्होंने बताया कि यह एक अत्याधुनिक मशीन है।
  • जिसकी मदद से मस्तिष्क में जमे खून के थक्के को आसानी से निकाला जा सकता है।
  • जिससे अब ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों का बेहतर इलाज दिया जा सकेगा।

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  • उन्होंने बताया कि कैंसर पीडि़त मरीजों के लिए भी यह मशीन काफी लाभकारी है।
  • इसकी मदद से खून की नली में हो रही खून की सप्लाई को रोक कर कैंसर का इलाज आसानी से किया जा सकता है।
  • इसके अतिरिक्त थ्रोबोइम्बोलिजम बीमारी से पीडि़त एवं ट्यूमर की ब्लड धमनी को बंद करने में भी यह मशीन उपयोगी है।
  • प्रो. नीरा कोहली ने बताया है कि इसके अतिरिक्त ट्रॉमा सेन्टर में डिजिटल रेडियोग्राफी मशीन भी चालू हो गयी है।
  • इस मशीन की खासियत यह है कि जहां इससे किये हुए एक्सरे के परिणाम अच्छे आयेंगे।
  • वहीं इससे मरीज और टेक्नीशियन दोनों को रेडियेशन भी कम मात्रा में लगेगा।
  • उन्होंने बताया है कि इस 800 एमए की मशीन को सैमसंग कम्पनी ने सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी के तहत मरीजों, प्रशिक्षण एवं शोध के लिए प्रदान किया है।

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