राजधानी से सटे इलाकों में पिछले कुछ दिनों में लगातार घटी लूट और डकैती की घटनाओं से लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है. लोग डर के मारे अपने घरों में बंद रहने को मजबूर हो गए हैं. हल्की सी आहट भी लोगों को भय से भर देती है. वहीं दूसरी ओर कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा ने भी कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है. ऐसा प्रतीत होने लगा है कि प्रदेश में कानून का राज समाप्त हो गया है. उक्त विचार किसान मंच के प्रदेष अध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी ने प्रदेष मुख्यालय पर आयोजित पदाधिकारियों की बैठक में व्यक्त किए.
देवेंद्र तिवारी ने कहा, मुख्यमंत्री चाहे चुस्त कानून व्यवस्था की जितनी भी दुहाई देते रहें लेकिन हाल ही में प्रदेश की राजधानी से सटे काकोरी और मलिहाबाद में हुई लूट और डकैती की घटनाओं ने इस बात को साबित कर दिया है कि बदमाषों के अंदर से डर बिल्कुल समाप्त हो गया है, तभी वह लगातार ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं और पुलिस उनका सुराग तक भी नहीं लगा पा रही है.
कासगंज हिंसा पर जताई चिंता
वहीं कासगंज हिंसा पर बोलते हुए किसान मंच के तिवारी ने कहा कि जिस तरह से अराजक तत्व अपनी मनमानी करने पर उतारू हैं, कासगंज हिंसा उसी की एक मिसाल है. तिरंगा यात्रा निकाल रहे लोगों पर जिस तरह से अराजक तत्वों ने गोलीबारी की, वह निहायत ही निंदनीय है. अराजक तत्वों द्वारा लगातार तीन दिन तक हिंसा और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया जाता रहा लेकिन इस पर पुलिस प्रषासन की ओर से कोई भी लगाम नहीं लगाई गई. जब राज्यपाल ने इन घटनाओं पर कड़े बोल बोले, तब कहीं जाकर मुख्यमंत्री ने गंभीरता दिखाई और वहां के एसपी पर कार्रवाई की. लेकिन इन सबके बाद और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चेतावनियों के बाद भी प्रदेष में हिंसा का माहौल थमता दिखाई नहीं दे रहा है और सारे प्रयासों के बावजूद सरकार कासगंज में हालात को सामान्य करने में विफल साबित हो रही है.
किसानों की हालत दयनीय
वहीं दूसरी ओर किसानों के मुद्दे पर बोलते हुए देवेंद्र तिवारी ने कहा, किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. उनको फसलों का उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है. कर्ज माफी की घोशणा के बाद भी किसानों को कर्ज से मुक्ति नहीं मिल पा रही है. इसका जीता-जागता उदाहरण कुछ दिनों में सीतापुर में घटी घटना है. जहां पर कर्ज वसूलने के चक्कर में एक प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों ने किसान को उसी के ट्रैक्टर के नीचे कुचलकर मार दिया और उसका ट्रैक्टर लेकर फरार हो गए। पहले भी केंद्र और प्रदेश सरकारें किसानों के साथ धोखबाजी करती रही हैं जिसका जीता जागता प्रमाण कर्जे माफ न होना है. किसानों को स्वामी नाथन आयोग के अनुसार, लागत मूल्य का डेढ़ गुना देने का प्रलोभन देने वाली वर्तमान भाजपा सरकारे स्वयं सिद्ध धोखेबाज हैं.
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Kamal Tiwari
Journalist @weuttarpradesh cover political happenings, administrative activities. Blogger, book reader, cricket Lover. Team work makes the dream work.