मंच पर छलका विश्वास का गम :

आम आदमी पार्टी के निर्माण के समय से उससे जुड़े हुए कुमार विश्वास को राज्यसभा नहीं भेजे जाने का गम अभी भी परेशान कर रहा है। यही कारण है कि अपने मुशायरों में वे कविताओं के माध्यम से अपने उस गम को लोगों के सामने जाहिर कर देते हैं। ‘आप’ में पहले राज्यसभा भेजे जाने वाले नामों में कुमार विश्वास को लेकर काफी चर्चा थी मगर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कुमार विश्वास ने  संजय सिंह, नारायण दास गुप्ता और सुशील गुप्ता को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया। इसके बाद से कुमार विश्वास और अरविंद केजरीवाल के बीच खटपट चल रही है।

 

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शिवपाल पर की टिप्पणी :

इटावा में आयोजित कवि सम्मलेन में पहुंचे कुमार विश्वास ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिवपाल यादव पर टिप्पणी की। कुमार विश्वास ने कहा कि मैं और शिवपाल आज अपनी-अपनी पार्टी के आडवाणी हो गए हैं। हम दोनों ही बस दूसरों को मुख्यमंत्री बनाने के काम में आते हैं। कुमार विश्वास का ये इशारा पीएम मोदी की ओर था। मोदी के पीएम बनने के बाद से भाजपा में आडवाणी को पार्टी से लगभग किनारे कर दिया गया है। यही कारण है कि शिवपाल और खुद की तुलना उन्होंने आडवाणी से कर दी।

 

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