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मायावती का बयान-क्या मुआवजे से घरों में लौटाई जा सकती हैं खुशियां

#Kushinagar: Mayawati attacks BJP in 13 Student Killed Case

#Kushinagar: Mayawati attacks BJP in 13 Student Killed Case

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गुरुवार को कुशीनगर में ट्रेन व स्कूली वैन की टक्कर में करीब 13 स्कूली बच्चों की मौत व अन्य अनेकों स्कूली छात्रों के गंभीर रूप से घायल होने पर की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मायावती ने कहा कि लगातार हो रही इस प्रकार की दर्दनाक घटनाओं को सरकार द्वारा हर कीमत पर अवश्य ही रोका जाना चाहिए।

अनुग्रह राशि से नहीं लौटेंगे घरों के बुझे चिराग

मायावती ने अपने बयान में कहा कि ऐसी गंभीर घटनाएं रेलवे की बिना फाटक वाली क्रॉसिंग पर लगातार घटित हो रही है परंतु ना तो केंद्र और ना ही राज्य सरकार इन मामलों में आंख खोल रही है। ऐसी सरकारी उदासीनता बड़ी चिंता की बात है। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुग्रह राशि से उन घरों की खुशियां कभी भी लौटाई जा सकती हैं जिन घरों के चिराग इस दुर्घटना में बुझ गए।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिला में गुरुवार सुबह डिवाइन पब्लिक स्कूल की ओवरलोड वैनड्राइवर की लापरवाही से गोरखपुर पैसेंजर ट्रेन (55075) से जा टकराई। इसके चलते एक भयावह हादसा हो गया। मानव रहित रेलवे क्रासिंग पार करते समय ड्राइवर की लापरवाही से 13 मासूम बच्चों की मौत हो गई। जबकि ड्राइवर सहित आधा दर्जन से अधिक बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो ड्राइवर इयरफोन लगाकर मोबाईल पर बात कर रहा था इसके चलते उसने ट्रेन नहीं देख पाई और हादसा हो गया। इस दुखद हादसे पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी दुःख व्यक्त किया है।

सीएम ने एफआईआर दर्ज करने के दिए निर्देश

मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचे सीएम योगी ने कहा कि ड्राइवर सहित चार बच्चों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर किया गया है। सीएम ने दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। वहीं कुशीनगर हादसे से ग्रामीणों में भारी गुस्सा देखने को मिला। आक्रोशित ग्रामीण घटनास्थल पर धरने पर बैठ गए। ग्रामीण क्रॉसिंग पर रेलवे फाटक बनाने की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां कई हादसे हो चुके हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। ग्रामीणों का आरोप है कि घटना होने के बाद नेता राजनीति करने लगते हैं, उन्होंने जल्द रेलवे फाटक बनाने की मांग की है।

कार्रवाई के डर से स्कूल का प्रिंसिपल और प्रबंधक फरार

बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध रूप से चलाये जा रहे डिवाइन पब्लिक स्कूल का प्रिंसिपल और प्रबंधक कार्रवाई के डर से फरार हो गया है। ख़बरों के मुताबिक, सभी कर्मचारी स्कूल बंद करके अंडरग्राउंड हो गए हैं और अपना मोबाईल फोन भी बंद कर लिया है। हालांकि सीएम की इस घटना पर सीधी नजर है। कमिश्नर की जांच पूरी होने पर दोषियों पर मुकदमा दर्ज होना तय है। साथ ही स्कूल की मान्यता अगर मान्यता मिलती है तो वो भी रद्द की जा सकती है। ग्रामीणों का आरोप है कि घटना के घंटो बाद तक मौके पर एम्बुलेंस भी नहीं पहुंची थी।

इनकी हुई मौत, मृतकों में पूर्व प्रधान के 3 बच्चे शामिल

इस भयावह हादसे में हरिओम (8) पुत्र अम्बर सिंह निवासी बतरौली, संतोष (9), रवि (8), रागिनी (7) पुत्र/पुत्री अमरजीत निवासी मिश्रौली, अतिउल्लाह (8) पुत्र नौसाद निवासी कोकिलापट्टी, अरसद (9) पुत्र जाहिर, अनस नरोड़ (8) पुत्र नजीर निवासी मैहिहरवा, गोलू (8), कमरूल (10) पुत्र हैदर अली निवासी पड़रोन मुड़रई, साजिदा (11), तमन्ना (10) पुत्री हसन निवासी बतरौली, मिराज (8), मुस्कान (7) पुत्र/पुत्री मैनुद्दीन निवासी मैहिहरवा की मौत हो गई है।

वैन में ओवरलोडिंग करके बच्चों को स्कूल ले जा रहा था ड्राइवर

जानकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह डिवाइन पब्लिक स्कूल की ओवरलोड वैन 21 बच्चों को लेकर स्कूल जा रही थी। तभी विशुनपुरा थाने के दुदही रेलवे क्रासिंग के पास थावे-बढनी पैसेन्जर से उसकी टक्कर हो गई। हादसे के वक्त ट्रेन तो निकल गई लेकिन हादसे से हाहाकार मच गया। राहगीर दौड़े और पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस और अधिकारी पहुंचे उन्होंने ने मृत बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जबकि सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में वैन का ड्राइवर भी बताया जा रहा है। स्थानीय लोगों के साथ विशुनपुरा थाने की पुलिस बचाव कार्य में जुटी हुई थी।

चारो तरफ मचा हाहाकार

हादसे की सूचना पर बच्चों के घरों में कोहराम मचा हुआ हुआ है। अभिभावक भी मौके पर पहुंच गए और बच्चों की लाशें देख दहाड़ मारकर फूट-फूट कर रोने लगे। घटनास्थल से लेकर मृत बच्चों के घरों, अस्पताल सहित हर इलाके में कोहराम मचा हुआ है। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। कुछ लोगों का कहना है कि दुदही क्रासिंग पर कोई भी गेटमैन तैनात नहीं था, जिसके कारण ये हादसा हुआ। हालांकि रेलवे ने इसे नकारते हुए कहा कि गेटमैन ने ड्राइवर को रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं रुका। सीएम ने गोरखपुर के कमिश्‍नर को इस हादसे के जांच के आदेश दिए हैं।

10 साल से भी कम उम्र के थे बच्चे

चश्मदीद ने बताया कि यह हादसा सुबह 6.15 से 6.30 के बीच हुआ। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर आस-पास के लोग इक्ट्ठा हुए तो देखा स्कूल वैन गड्ढे में गिरी हुई थी। आनन-फानन में कुछ लोगों ने इस हादसे की जानकारी पुलिस को दी और घायल बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल वैन में सवार ज्यादातर बच्चे 10 साल या उससे कम उम्र के थे। एडिनशल एसपी (कुशीनगर) हरिगोविंद मिश्रा ने घटना में मृतक बच्‍चों और घायलों के बारे में पुष्टि की। मृतकों में ड्राइवर भी शामिल है।

काफी देर तक मौका-ए-वारदात पर नहीं पहुंचे रेलवे अधिकारी

हादसे के बाद स्थानीय लोगों के साथ विशुनपुरा थाने की पुलिस बचाव कार्य में जुटी रही। बताया जा रहा है कि हादसे की जानकारी मिलने के 2 से 3 घंटे बाद भी कोई रेलवे का अधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा। स्थानीय लोगों ने रेलवे पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस क्रॉसिंग पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। कुछ लोगों ने बताया कि इस क्रॉसिंग पर गार्ड तैनात करने और लाइन लगवाने के लिए कई बार प्रशासन से आग्राह किया जा चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है।

“कुशीनगर, उतर प्रदेश में मासूम बच्चों को ले जा रही बस की दुर्घटना के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ है। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोकाकुल परिवारों तथा घायल हुए लोगों, ख़ासकर बच्चों के साथ हैं – राष्ट्रपति कोविन्द”

सीएम ने जताया गहरा दुःख

इस दुखद घटना में सीएम योगी ने ट्वीट कर कहा है कि “कुशीनगर जिले में हुए दुर्भाग्यपूर्ण ट्रेन दुर्घटना में स्कूली बच्चों की मृत्यु पर गहरा दुःख पंहुचा। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजनों को संबल देने की प्रार्थना करता हूँ। दुर्घटना से प्रभावित लोगों के समुचित इलाज की व्यवस्था कराने व हर सम्भव मदद करने के निर्देश दिए हैं।” सीएम योगी खुद मृत बच्चों के परिवार से मिलने के लिए कुशीनगर पहुंचे। उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने पीड़ित परिवार वालों को हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया है।

दो-दो लाख मुआवजे का एलान

वहीं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने ट्वीट कर कहा कि कुशीनगर में स्कूल वैन व ट्रेन दुर्घटना के संबंध में राहत एवं बचाव कार्य हेतु मौके पर वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं, सरकार पूरी गंभीरता के साथ कार्य कर रही है। सरकार घायलों के इलाज के साथ मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देगी। दुर्घटना की जांच गोरखपुर कमिश्नर को सौंपी गई है।

11 बच्चों की मौत 7 घायल: एडीजी एलो

एडीजी कानून एवं व्यवस्था आनंद कुमार ने अपने बयान में कहा कि विशुनपुरा थाने के दुदही रेलवे क्रासिंग के पास डिवाइन पब्लिक स्कूल की वैन करीब 6:30 बजे क्रासिंग पार कर रही थी तभी अचानक थावे-बढनी पैसेन्जर आ गई। ट्रेन और वैन की टक्कर में 11 बच्चों की मौत हो गई जबकि 7 गंभीर रूप से घायल बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां सभी की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस अधिकारी मौके पर हैं जो कई बिंदुओं पर पड़ताल कर रहे हैं।

दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई: डीजीपी

डीजीपी ओपी सिंह दुख जताते हुए कहा कि मौके पर स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन बचाव कार्य में जुटी हुई है। ये हादसा ड्राइवर की लापरवाही से हुआ है। डीजीपी ने अपने बयान में कहा कि वैन में ओवर लोडिंग थी। हादसे के वक्त वैन में 21 बच्चे सवार थे। डीजीपी ने 11 बच्चों की मौत की पुष्टि की है। डीजीपी ने कहा कि राहत कार्य के लिए एसडीआरएफ की टीम को भी मौके पर भेजा गया है। डीजीपी ने कहा कि फिलहाल घायलों को उचित इलाज मिले इसकी व्यवस्था की जा रही है। गलती किसकी है यह जांच का विषय है। जांच के बाद जिम्मेदारी तय होगी और भविष्य में ऐसा हादसा न हो यह भी सुनिश्चित की जाएगी। डीजीपी ने कहा दोषियों को बख्सा नहीं जायेगा।

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