मेट्रो के लखनऊ विश्वविद्यालय स्टेशन को लेकर मामला स्पष्ट नहीं है। दरअसल, बीरबल साहनी पुरा वनस्पति विज्ञान संस्थान (बीएसआइपी) ने साफ कर दिया है कि मेट्रो स्टेशन बनाने के लिए संस्थान की जमीन देना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसके लिए उन्हें दिल्ली स्थित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के उच्चाधिकारियों से संपर्क करना पड़ेगा।

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90 करोड़ का है प्रोजेक्ट

  • बताते चलें कि एडीएम आशुतोष मोहन अग्निहोत्री व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने मंगलवार को बीएसआइपी के निदेशक सुनील बाजपेई से बात की तो निदेशक ने साफ पर कह दिया कि जमीन देना उनके अधिकार में नहीं है।

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  • बीएसआइपी में कई नई लैब प्रस्तावित हैं, जिसके लिए बहुमंजिला बिल्डिंग का निर्माण होना है।
  • लगभग 90 करोड़ के इस प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार द्वारा पहली किश्त जारी कर दी गई है।
  • ऐसे में संस्थान में मेट्रो स्टेशन निर्माण का सवाल ही पैदा नहीं होता है।

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  • उधर, अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो के प्लान के तहत विश्वविद्यालय स्टेशन वहीं बनाया जाना है।
  • इस पर बाजपेई ने कहा कि प्रोजेक्ट बनाने से पूर्व इस पर चर्चा की जाती तो उचित होता।
  • यहां प्रयोगशालाओं में संवेदनशील-महंगे उपकरण हैं।
  • ऐसी किसी कार्रवाई से काफी नुकसान हो सकता है।

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जल्द शुरू होगा मेट्रो सुरंग में पटरी बिछाने का काम

  • मेट्रो सुरंग में पटरी बिछाने का काम जुलाई के अंतिम सप्ताह से शुरू हो जाएगा।
  • लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एलएमआरसी) ने 18 जून को सचिवालय से हजरतगंज के बीच सुरंग बनाने का काम पूरा कर लिया था।
  • अब सुरंग की सफाई पूरी होते ही आठ सौ मीटर से अधिक पटरी बिछाने का काम निजी कंपनी द्वारा शुरू कर दिया जाएगा।
  • जबकि सचिवालय से हुसैनगंज के बीच सुरंग का काम अगस्त के अंतिम सप्ताह तक शुरू हो सकता है।
  • लखनऊ मेट्रो के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि काम की रफ्तार तेज है।

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बता दें कि पिछले दिनों एल0एम0आर0सी के प्रबंध निदेशक (MD LMRC) कुमार केशव व डायरेक्टर वर्क्स इंन्फ्राटेक्चर (डीडब्लूआई) दलजीत सिंह ने नार्थ.साउथ के एलिवेडेट सेक्शन के द्वितीय फेज़ में चल रहे मेट्रो निर्माण के चल रहे कार्यो की निरीक्षण की शुरूआत करते हुए सबसे पहले के0डी0सिंह स्टेडियम के पास बनाये जा रहे मेट्रो स्टेशन के कार्यो के देखने के साथ ही मेर्सस संस्था एल एंड टी ने उन्हे चल रहे कार्यो के बारे में अवगत कराया।

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इसके बाद एम0डी0 एल0एम0आर0सी व डीडब्लूआई ने सुभाष पार्क परिवर्तन चौक पर चल रहे मेट्रो निर्माण कार्यो को देखते हुए गोमती नदी के किनारे चल रहे पाइलिंग के कार्यो को देखा यहां पर नदी के दोनो तरफ एक-एक पिलर लगायें जाने के साथ ही नदी के बीचों बीच में दो पिलर बनाये जाने है जिसकी गहराई 42 मीटर की जानी है। जिस पर कैटीलीवर स्पैन का निर्माण किया जाना है जिसकी अनुमानित लंबाई 45 से 48 मीटर तय की गयी है। और वही सभी पिलर 15 से 32 मीटर तक की गहराई करके लगायी जा रही है।

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इसके बाद निरीक्षण करते हुए एमडी व टीम ने विश्वविद्यालय के चौथे नंबर गेट के पास बनने वाले मेट्रो स्टेशन को भी देखा। साथ ही आईटी कालेज व बादशाह नगर से पालीटेक्निक चौराहे तक के बीच में चल रहे मेट्रो (MD LMRC) कार्य को रूक-रूक कर बारीकी से देखा।

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