बरसाना की रंगीली गली में लट्ठमार होली का हिस्सा बनने के लिए देश के कोने से लोग आते हैं। लट्ठमार होली से पूर्व ही बरसाने की रंगीली गली अबीर-गुलाल से पटी पड़ी थी। यहां डेरा डाले हजारों देशी-विदेशी भक्तों को पल-पल रोमांचित करने वाले लट्ठमार होली के अद्भुत नजारे का इंतजार कर रहे थे। रंगीली होली में हुरियारिन बनने का सौभाग्य भले ही कस्बे की ब्राह्मण महिलाओं को ही मिलता हो पर होली के दौरान आनंद उठाने के कोई नहीं चूकता है। कस्बे के हर वर्ग के लोग इस पर्व पर अपनी सहभागिता करने को तैयार थे। विभिन्न मुहल्लों में रंगीली होली के दिन निकाली जाने चौपाई के लिए लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था। युवा बुजुर्गों से चौपाई गायन कर रहे थे।

पुराणों के मुताबिक, इसमें राधा जी के बरसाना से कान्हा के नंदगांव को होली खेलने का न्यौता जाता है। इस पर नंदगांव के बाल गोपाल, हुरियारे बनकर होली खेलने बरसाना पहुंचते हैं। यहां लाडली जी (राधा जी) की मंदिर की गलियों में होली की शुरुआत होती है। ये होली बरसाने की मुख्य रंगीली गली में चरम पर पहुंच जाती है। यहां हुरियारे, गोपियों से हंसी-ठिठोली करते हुए होली खेलते हैं। इसका जवाब बरसाना की महिलाएं लाठियों से देती हैं। इसीलिए इसे लट्ठमार होली कहा जाता है। इस दौरान हुरियारे ढाटा (सिर पर बांधने वाली ढाल) लिए रहते हैं, जिससे वे बचाव करते हैं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]महिलाओं ने पुरुषों पर लाठी भांजकर दिया नारी शक्ति का संदेश[/penci_blockquote]
शुक्रवार सुबह यानी 15 मार्च को ब्रजांगनाओं के द्वारा कृष्ण के सखाओं पर लाठी भांजकर नारी शक्ति का संदेश दिया। होली के मायने पूरे भारत वर्ष में भले ही अलग हो पर उससे उलट बरसना नंदगांव की होली का नजारा है। बरसाना की लड्डू होली व लठामार होली जिसने एक बार देखली वह जीवन पर्यंत अपने जहन से नहीं निकाल सकता है। ऐसी अलौकिक होली के नजारे को अपलक भक्त देखते हैं। यहां 14 मार्च गुरुवार को नंदगांव का पांडे होली की स्वीकृति लेकर लाड़लीजी महल में आया। दूसरे दिन यानी आज 15 मार्च शुक्रवार को रंगीली गली, मैन बाजार, सुदामा चौक, भूमियां गली आदि आधा दर्जन स्थानों पर अबला नारी सबला बनी। उस दौरान वर्ष भर सताये जाने पर ब्रजांगनाएं नंदगांव से आये कृष्ण के सखाओं को सबक सिखाने को लाठियों से पीट सारी कसक निकाली, जिसकी गूंज तड़ातड़ सुनाई दी। अनोखी होली को देखने को देश के कोने-कोने से भक्तों का आना पहले से ही शुरू हो गया था।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]यातायात में भी रहा बदलाव[/penci_blockquote]
बता दें कि 16 मार्च को नंदगांव स्थित रंगीली चौक में खेले जाने वाली लठामार होली में आने वाले श्रद्धालुओं की सुवधिा हेतु बरसाना में भारी वाहनों का प्रवेश 13 मार्च की शाम चार बजे से प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस दौरान कोसी, छाता, कामा और गोवर्धन की तरफ से आने वाले सभी बड़े वाहनों को इन मार्गों पर स्थित पार्किंग स्थलों पर रोकने की व्यवस्था की गयी है। यह व्यवस्था 15 मार्च की रात्रि 10 बजे तक लागू रहेगी। वहीं नंदगांव में खेले जाने वाली लठामार होली मेला की यातायात व्यवस्था हेतु कामा, कोसी और बरसाना की तरफ से नंदगांव की ओर जाने वाले सभी छोटे बड़े वाहनों को निर्धारित पार्किंग स्थलों पर सुबह आठ बजे से रात्रि 10 बजे तक रोके जाने की व्यवस्था की गई है।

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