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घूस लेते रंगेहाथ एलडीए का बाबू अनिल कपूर गिरफ्तार

LDA Clerk Anil Kapoor Arrested

LDA Clerk Anil Kapoor Arrested

भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन टीम) की टीम ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के लिपिक अनिल कुमार को 5000 रुपये घूस मांगने पर रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। वह प्लाट की रजिस्ट्री कराने आए मनिलाल से चाय पानी के नाम पर 5000 रुपये मांग रहा था। लिपिक के खिलाफ गाजीपुर थाने में भ्रष्टाचार की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। गुरुवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया। इस संबंध में एलडीए वीसी पीएन सिंह ने बताया मैं पूरी तरह भ्रष्टाचार के खिलाफ हूं। अगर कोई रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाता है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। घूसखोरों को कोई राहत नहीं मिलेगी। जांच कर रही टीम को पूरा सहयोग प्राधिकरण से मिलेगा। उन्हें जो भी सूचनाएं मदद चाहिए उन्हें उपलब्ध कराई जाएगी।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]रजिस्ट्री कराने के लिए 5000 रुपये की ले रहा था रिश्वत[/penci_blockquote]
संगठन के पुलिस अधीक्षक राजीव मेहरोत्रा ने बताया कि एलडीए में प्रवर वर्ग सहायक संपत्ति अनुभाग में तैनात अनिल के खिलाफ नेपियर रोड ठाकुरगंज निवासी मनि लाल उर्फ मेंदी लाल ने शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया कि लिपिक अनिल कपूर रजिस्ट्री कराने के लिए 5000 रुपये की रिश्वत मांग रहा है। इसकी जांच कराई गई तो पता चला कि फाइल में कोई कमी नहीं होने के बाद भी जानबूझकर रजिस्ट्री में देरी की जा रही है। इसके बाद लखनऊ की टास्क फोर्स को लिपिक के पीछे लगाया गया। प्राधिकरण के गेट के बाहर बुधवार की शाम को रिश्वत लेते हुए टास्क फोर्स ने अनिल को रंगे हाथों पकड़ा। शिकायत मिलने पर ट्रैप टीम के प्रभारी प्रवीण सान्याल टीम के साथ एलडीए दफ्तर के सामने पहुंचे। इस दौरान एलडीए ऑफिस के सामने की मुख्य सड़क से अनिल को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। काफी देर तक एलडीए के अधिकारियों को कुछ समझ नहीं आया। एलडीए के कर्मचारियों को लगा कि पुलिस उसे किसी मामले में उठाकर ले गई है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]इससे पहले भी गिरफ्तार किये जा चुके दो बाबू[/penci_blockquote]
बता दें कि इससे पहले एलडीए के दो बाबू मुख्तार और जफर अहमद पहले भी एंटी करप्शन टीम द्वारा पकड़े जा चुके हैं। इनको बाद में बहाल कर दिया गया। दोनों एलडीए की सेवा में है। वही दो चर्चित बाबू मुक्तेश्वर नाथ ओझा और काशीनाथ राम को पहले ही एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर चुके हैं।मुक्तेश्वर नाथ ओझा को तो वीसी ने अपने ही कार्यकाल से ही पुलिस को सौंपा था। 2017 में तत्कालीन सचिव जय शंकर दुबे के आदेश पर अनिल कपूर को संपत्ति विभाग से हटाया गया था इसके बाद फिर से पैसे उसे संपत्ति विभाग में वही योजनाएं मिल गई। ये बड़ा सवाल है?

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