राजधानी लखनऊ स्थित अम्बेडकर पार्क में तैनात विद्युत कर्मचारी की बीती रात अचानक मौत हो गई। जिसकी मौत से नाराज परिजनों ने साथी कर्मचारियों के साथ मिलकर आज सुबह वीमेन पॉवर लाइन 1090 चौराहा पर मृतक कर्मचारी के शव को सड़क पर रखकर धरना प्रदर्शन कर नाराजगी जताई। वहीं शव रखकर सड़क जाम वा प्रदर्शन की जैसे ही अधिकारियों को खबर लगी। उसके बाद सीओ हजरतगंज और एसीएम फस्ट भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुचे परिजनों से बातचीत कर उन्हें उनकी मांग पूरा करने का आश्वाशन दिया। जिसके बाद परिजन और साथी कर्मचारियों का गुस्सा शांत हुआ और प्रदर्शन खत्म किया।

तीन माह से नहीं मिला था मृतक को वेतन

जानकारी के अनुसार, बीते तीन माह से मृतक को वेतन नहीं मिला था जिसके कारण मृतक का परिवार भूखमरी की कगार पर पहुंची गया था। इसी बीच मृतक की तबियत बिगड़ी और इलाज का पैसा ना होने के चलते उसका समुचित इलाज न हो पाया, जिससे उसकी मौत हो गई। मृतक की पत्नी गुड्डी के मुताबिक, उसका पति पिछले सात वर्षों से अम्बेडकर स्मारक पर नौकरी कर रहा था। जिसे पिछले तीन माह से अधिक बीत जाने के बाद भी तनख्वा नहीं मिली थी।

भुखमारी की कगार पर पहुंचा परिवार, एलडीए अधिकारी करते रहे बहाना

इसी बीच वह बीमार हो गया और जब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया तो हमें रुपयों की जरूरत पड़ी किन्तु रुपयों के अभाव के कारण उसके पति का इलाज सही से नहीं हो सका। जिसकी वजह से मृत्यु हो गयी। मृतक की पत्नी गुड्डी का आरोप है कि मृतक 16 हजार रुपये वेतन पाता था। लेकिन पिछले तीन माह से उसे वेतन नहीं मिला था। परिवार भूखो मर रहा था और एलडीए अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी पैसा नहीं मिला। जिससे भूख और बीमारी के चलते उसके पति की मौत हो गई। अधिकारियों के रवैये से नाराज हो परिजनों ने शव को 1090 चौराहे पर सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया और सरकार से 10 लाख मुआवजा वा मृतक आश्रित कोटे से नौकरी देने कि मांग की।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

एसीएम फर्स्ट अजय राय और सीओ हजरतगंज अभय प्रसाद मिश्र ने बताया कि परिजनों से बात करके शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। गौरतलब हो कि मायावती सरकार में स्मारक समिति बनाई गई थी। जिसमे तकरीबन पांच हजार पांच सौ कर्मचारियों की भर्ती की गई थी। लेकिन प्रदेश में सरकारें बदली तो स्मारकों में तैनात इन कर्मचारियों के सामने अब इनकी सैलेरी के लालेपड़ गए।

घंटो जाम से जूझते रहे लोग

संविदाकर्मी की मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने रोड जामकर घंटों प्रदर्शन किया। इस कारण चौराहे के आसपास भयंकर जाम लग गया। पुलिस ने दोनों तरफ की ट्रैफिक को एक ही तरफ से संचालित करने का प्रयास किया तो प्रदर्शनकारियों ने उसे रोकने का प्रयास किया। इसकी वजह से काफी देर तक दोनों ओर की सड़क पर सैकड़ों गाड़ियां फंसी रहीं। मौके पर मौजूद जब पुलिस के अधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी ली गयी तो उनका कहना था कि भीड़ को समझा बुझाकर शांत करा दिया गया। जबकि तस्वीरें साफ बयान कर रही हैं कि किस तरह जाम लगा था।

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